
गौरव गोगोई
लोकसभा में मानसून सत्र के छठे दिन ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा हुई। चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। वहीं, विपक्ष की तरफ से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सबसे पहले अपनी बात रखी। गौरव गोगोई ने कहा कि पहलगाम हमले को 100 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक आतंकी पकड़े नहीं गए हैं। सरकार के पास सभी तरह की सुविधाएं हैं, लेकिन अब तक आतंकियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
गौरव गोगोई ने कहा, “आखिरकार पहलगाम हमले की जिम्मेदारी कौन लेता है? जम्मू-कश्मीर के एलजी। अगर किसी को जिम्मेदारी लेने की जरूरत है, तो वह केंद्रीय गृह मंत्री हैं। गृह मंत्री और केंद्र सरकार एलजी के पीछे नहीं छिप सकते। सरकार इतनी कमजोर और कायर है कि उसने कहा कि टूर ऑपरेटर लोगों को सरकारी अनुमति या लाइसेंस के बिना बैसारन ले गए। वह हादसे के लिए जिम्मेदार हैं। पीएम मोदी सऊदी अरब से वापस आ गए, लेकिन उन्होंने पहलगाम का दौरा नहीं किया। उन्होंने एक सरकारी कार्यक्रम में भाग लिया और बिहार में एक राजनीतिक रैली को संबोधित किया। अगर कोई पहलगाम गया, तो वह हमारे नेता राहुल गांधी थे।”
100 दिन में 5 आतंकी नहीं पकड़े गए
कांग्रेस सांसद ने कहा “पहलगाम हमले को 100 दिन हो गए हैं, लेकिन यह सरकार उन 5 आतंकवादियों को पकड़ नहीं पाई है। आज आपके पास ड्रोन, पेगासस, सैटेलाइट, सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ हैं और रक्षा मंत्री कुछ दिन पहले वहां गए थे, लेकिन फिर भी आप उन्हें पकड़ नहीं पा रहे हैं। बैसरन, जहां हमला हुआ था, वहां एम्बुलेंस को पहुंचने में लगभग 1 घंटा लगा। सेना पैदल आई थी। मैं वो दृश्य नहीं भूल सकता, जब एक मां और उसकी बेटी ने एक भारतीय सैनिक को देखा तो वे रोने लगीं। उन्हें लगा कि बैसरन में लोगों को मारने वाला सैनिक की वर्दी पहने आतंकवादी उनका इंतजार कर रहा है। उस सैनिक को कहना पड़ा कि वह एक भारतीय है, और आप सुरक्षित हैं। वहां के लोगों में इस तरह का आतंक था। राजनाथ जी, आपको इस आतंक पर एक शब्द बोलना चाहिए था।”
भारत ने सीजफायर क्यों किया?
गौरव गोगोई ने कहा कि पूरा देश और विपक्ष पीएम मोदी का समर्थन कर रहा था। अचानक 10 मई को हमें पता चला कि युद्धविराम हो गया है। क्यों? हम पीएम मोदी से जानना चाहते थे कि अगर पाकिस्तान घुटने टेकने को तैयार था, तो आप रुके क्यों और किसके सामने झुके? अमेरिकी राष्ट्रपति 26 बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को युद्धविराम के लिए मजबूर किया।