थरूर के बाद अब मनीष तिवारी भी कांग्रेस से नाराज? डिबेट में नाम न होने पर लिखा- “भारत की बात सुनाता हूं…”


मनीष तिवार ने कांग्रेस पर किया कटाक्ष।
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मनीष तिवार ने कांग्रेस पर किया कटाक्ष।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के लिए वक्ताओं की सूची से खुद को और अपने साथी सांसद शशि थरूर को बाहर रखे जाने के बाद अपनी पार्टी (कांग्रेस) पर निशाना साधा है। आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में एक न्यूज रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। इसमें उन्हें वक्ताओं की लिस्ट से उन्हें बाहर रखे जाने की बात कही गई थी। इसके साथ ही मनीष तिवारी ने 1970 की फिल्म पूरब और पश्चिम के प्रसिद्ध देशभक्ति गीत “है प्रीत जहां की रीत सदा” के बोल भी लिखे हैं।

मनीष तिवारी ने लिखा- “भारत की बात सुनाता हूं”

कांग्रेस सांसद ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। जय हिंद।” यहां बता दें कि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और शशि थरूर, ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई देशों का दौरा करने वाले सरकार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। इन प्रतिनिधिमंडलों को एक एकजुट राजनीतिक मोर्चा बनाने और सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के निरंतर समर्थन को उजागर करने का काम सौंपा गया था।

मनीष तिवारी ने भेजा था बहस के दौरान बोलने का अनुरोध

समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों के अनुसार, मनीष तिवारी ने पार्टी को बहस के दौरान बोलने का अनुरोध भेजा था। थरूर ने स्पष्ट रूप से अनिच्छा व्यक्त की क्योंकि प्रतिनिधिमंडल की विदेश यात्रा के दौरान उनका रुख पाकिस्तान और पीओके में लक्षित बुनियादी ढांचे पर हमला करने के सैन्य अभियान से संबंधित पहलुओं पर सरकार के खिलाफ पार्टी के कड़े रुख से अलग होगा। थरूर ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।

थरूर का मौनव्रत

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना करने वाली लोकसभा बहस में भाग लेने के पार्टी नेतृत्व के अनुरोध को ठुकरा दिया है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा बहस में भाग लेने के लिए शशि थरूर से संपर्क किया था। हालांकि, थरूर ने कथित तौर पर यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वह ऑपरेशन को लेकर सरकार की आलोचना करने की पार्टी लाइन का पालन नहीं कर सकते।

थरूर ने स्पष्ट किया कि वह ऑपरेशन सिंदूर को एक सफलता मानते हैं और इस मामले पर उनका रुख अपरिवर्तित है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें सदन में बोलने का मौका मिला, तो वे इस बात को दोहराएंगे। जब पत्रकारों ने इस बारे में उनसे सवाल किया, तो थरूर ने जवाब में कहा, “मौनव्रत, मौनव्रत।”

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