यूपी: गाजियाबाद में ऑपरेशन के दौरान प्रेग्नेंट महिला के पेट में कपड़ा छोड़ने का आरोप, पति ने दर्ज कराई शिकायत


pregnant woman
Image Source : FREEPIK/REPRESENTATIVE PIC
प्रेग्नेंट महिला के पेट में छोड़ा कपड़ा

गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नर्सिंग होम पर गंभीर आरोप लगे हैं। दरअसल गाजियाबाद में रहने वाली एक महिला, दिव्या खुराना ने 6 जून को सिजेरियन सर्जरी से एक बेटे को जन्म दिया। सर्जरी गाजियाबाद के एक निजी नर्सिंग होम में डॉ निशी सिरोही ने की थी। तीन दिन बाद, 9 जून को दिव्या को अस्पताल से छुट्टी मिल गई, लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। उन्हें तेज बुखार, सिरदर्द, सीने में दर्द और पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई। एक बार तो वे बेहोश भी हो गईं।

पैथोलॉजी वालों ने पहले रिपोर्ट देने से मना किया

दिव्या के पति चिराग कटारिया ने बताया, “डॉ. सिरोही ने खून की जांच कराने को कहा। जांच में पता चला कि दिव्या के खून में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या सामान्य से बहुत ज्यादा थी। इसके बाद अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन से पता चला कि उनके पेट में तौलिये जैसा कपड़ा छूट गया था।”

चिराग का कहना है कि पैथोलॉजी वालों ने पहले रिपोर्ट देने से मना किया, लेकिन पुलिस बुलाने की धमकी पर रिपोर्ट दी। चिराग ने डॉ. सिरोही से दोबारा सर्जरी की बात की, लेकिन उनकी सुविधाओं पर भरोसा न होने पर उन्होंने दिल्ली के पटपड़गंज में एक अस्पताल में 10 जुलाई को दिव्या को भर्ती कराया। वहां 11 जुलाई को सर्जरी हुई, जिसमें उनके पेट से तौलिये जैसा कपड़ा निकाला गया, जो डेढ़ महीने से उनके शरीर में था। 14 जुलाई को दिव्या को छुट्टी मिल गई। 

महिला के पति ने CMO और पुलिस को दी शिकायत

चिराग ने इस लापरवाही के खिलाफ 16 जुलाई को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) और 17 जुलाई को पुलिस में शिकायत दर्ज की। पहले तो सीएमओ ने कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन बाद में यह कहकर पीछे हट गए कि दिव्या की मृत्यु नहीं हुई और अन्य गंभीर मामले पहले से लंबित हैं। 

गाजियाबाद के सीएमओ का सामने आया बयान

गाजियाबाद के सीएमओ डॉ अखिलेश मोहन ने बताया कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है और नर्सिंग होम को पत्र भेजा गया है। जवाब मिलने पर कार्रवाई होगी। 

डॉ निशी सिरोही ने क्या कहा?

डॉ निशी सिरोही ने कहा कि उन्होंने सीएमओ के पत्र का जवाब दे दिया है और जांच में पूरा सहयोग करेंगी। उनका दावा है कि दिव्या ठीक हालत में उनके पास से गई थीं और बाद में मवाद की शिकायत पर उन्होंने भर्ती करने की सलाह दी थी, लेकिन मरीज उनके पास नहीं आए। यह मामला अब जांच के दायरे में है। (इनपुट: भाषा)





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *