
कांग्रेस नेता राहुल गांधी।
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला कैसे किया, इंटेलिजेंस फेलियर कैसे हुआ, आतंकी कहां से आए थे, ऑपरेशन सिंदूर को बीच में क्यों रोका गया और अचानक सीजफायर की घोषणा क्यों की गई? विपक्ष के इन सवालों को लेकर देश की संसद में महाबहस चल रही है। पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पहलगाम में खौफनाक हमला हुआ। पाकिस्तानी आतंकवादियों ने बर्बरता से मासूम भारतीयों को मारा। इस दौरान हम चट्टान की तरह सरकार के साथ खड़े रहे।
‘हमारे जवान टाइगर हैं, उन्हें फ्रीडम देनी पड़ेगी’
लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि शेर को खुला छोड़ना पड़ता है, उसे बांध कर नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा, सेना को ऑपरेशन के लिए पूरी छूट देनी होगी। हमारे जवान टाइगर हैं, उन्हें फ्रीडम देनी पड़ेगी।
‘1971 में एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया था’
राहुल ने कहा, ”मिलिट्री ऑपरेशन के लिए मजबूत इच्छाशक्ति होनी चाहिए। 1971 में भारत के पास मजबूत इच्छाशक्ति थी। इंदिरा गांधी ने जनरल मानेक शॉ को खुली छूट दी थी। उस समय के जनरल सैम मानेक शॉ ने कहा कि मैं अभी हमला नहीं कर सकता, तब पीएम ने कहा कि आपको जितना समय लेना है लीजिए। फ्रीडम ऑफ ऑपरेशन होना चाहिए। एक लाख से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया, एक नया देश बना।”
‘भारत ने उस रात सरेंडर कर दिया’
राहुल गांधी ने कहा, ”रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कल कहा कि ऑपरेशन सिंदूर 22 मिनट तक चला फिर हमने पाकिस्तान को कॉल किया कि हमने गैर-मिलिट्री टारगेट्स पर हमले किए हैं, हम एस्केलेशन नहीं चाहते।” राहुल ने आरोप लगाया कि रात के 1.35 बजे सरकार ने DGMO से सीजफायर के लिए कहा। आपने उनसे कहा कि हम मिलिट्री टारगेट्स पर हमला नहीं करेंगे, हम सीजफायर चाहते हैं। राहुल ने कहा कि आपने पाकिस्तान को डायरेक्टली अपनी पॉलिटिकल विल बता दी कि आप लड़ना ही नहीं चाहते हो।
‘हमारे फाइटर जेट गिरे क्यों’
राहुल ने कहा, ”हमारे राजनीतिक नेतृत्व ने सेना के हाथ बांध दिए। शुरुआत में ही आपने उनको कह दिया कि न हमारे पास पॉलिटिकल विल है, न ही हम लड़ाई करेंगे, फिर आपने सेना से कह दिया कि जाके लड़ाई करो। सवाल यह है कि जेट गिरे क्यों?” राहुल ने CDS अनिल चौहान के बयान का हवाला देते हुए कहा, ”आपने कोई गलती नहीं की, सेना ने कोई गलती नहीं, गलती राजनीतिक नेतृत्व से हुई और अनिल चौहान में यह जिगरा होना चाहिए कि वे यह साफ-साफ कह सकें कि सरकार ने उनके हाथ बांध रखे थे।”
एक दिन आपके अहंकार को तोड़ने वाले लोग आएंगे- खरगे
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकसभा के विपक्ष के नेता राहुल गांधी और मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन पत्र का कोई जवाब नहीं आया। हमारे पत्रों को कचरे के डिब्बे में डाल दिया जाता है। वे इसे पढ़ते भी नहीं हैं। अगर आप में इतना अहंकार है, तो एक दिन आपके अहंकार को तोड़ने वाले लोग आएंगे। यह अच्छा नहीं है। आपके पास एक-दो वाक्य लिखने का समय नहीं है लेकिन लोगों के गले पड़ने की फुर्सत है।