
मृतक धीरज कंसल
नई दिल्ली: दिल्ली के बाराखंबा थाना इलाके में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने मुंह मे हीलियम गैस भरकर आत्महत्या कर ली है। दिल्ली में हीलियम गैस भरकर आत्महत्या का ये पहला मामला है। मृतक का नाम धीरज कंसल था। वह गुरुग्राम की एक कंपनी में काम करता था।
क्या है पूरा मामला?
मृतक ने आत्महत्या करने से पहले फेसबुक पर एक सुसाइड नोट पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था, “मेरे लिए मौत जीवन का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। कृपया मेरी मौत पर दुखी न हों। आत्महत्या करना बुरा नहीं है। क्योंकि मुझ पर किसी की जिम्मेदारी नहीं है।” मृतक ने सुसाइड पोस्ट में अपनी मौत का किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है। सोमवार सुबह मंडी हाउस के नजदीक बाजार लेन स्थित घर के अंदर ही धीरज ने खुदकुशी की थी। मृतक की उम्र 25 साल थी और वह अविवाहित था।
कितनी खतरनाक होती है हीलियम गैस?
हीलियम गैस सामान्य रूप से खतरनाक नहीं होती है, क्योंकि यह एक निष्क्रिय गैस है। यानी ये रासायनिक रूप से प्रतिक्रिया नहीं करती और न ही यह जहरीली होती है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह खतरनाक हो सकती है।
हीलियम गैस हवा से हल्की होती है और ऑक्सीजन को डिसप्लेस कर सकती है। यानी अगर ये किसी बंद जगह (जैसे कमरा या टैंक) में बहुत अधिक मात्रा में मौजूद हो तो ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर सकती है, जिससे दम घुटने से जान का खतरा हो सकता है। गुब्बारों को फुलाने के लिए हीलियम का ही इस्तेमाल ज्यादा कॉमन है।
वहीं अगर कोई व्यक्ति हीलियम टैंक से सीधे गैस को सांस के रूप में अपने अंदर ले ले तो उसके अंदर ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जो बेहोशी या मौत का कारण बन सकती है।
कुल मिलाकर हीलियम गैस अपने आप में जहरीली नहीं है, लेकिन गलत उपयोग या असावधानी से यह खतरनाक हो सकती है, खासकर अगर यह ऑक्सीजन को विस्थापित करती है या उच्च दबाव वाले सिलेंडरों से संबंधित दुर्घटना होती है। सामान्य उपयोग (जैसे गुब्बारे फुलाने में) में यह सुरक्षित है, बशर्ते उचित सावधानी बरती जाए।