बांग्लादेश में चुनाव से पहले पूर्व PM खालिदा जिया को लेकर आई बड़ी खबर, लिवर सिरोसिस और गुर्दे की थी बीमारी


खालिदा जिया, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री।
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खालिदा जिया, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री।

ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। वह लिवर सिरोसिस, गुर्दे की बीमारी के साथ हृदय रोग से भी ग्रस्त थीं। मगर अब उनकी सेहत में सुधार का दावा किया जा रहा है। इस बीच उनकी पार्टी ने दावा किया है कि खालिदा आगामी आम चुनावों में भाग लेंगी। यह जानकारी बीएनपी के वरिष्ठ नेता अब्दुल अवल मिंटू ने बुधवार को दी। उन्होंने कहा कि अब 79 वर्षीय खालिदा जिया की तबीयत में सुधार है और वह फेनी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी।

बांग्लादेश में कब होंगे चुनाव?

‘डेली स्टार’ अखबार के मुताबिक यह घोषणा मिंटू ने फेनी जिला प्रशासन द्वारा आयोजित एक बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान की। उन्होंने कहा, “उनका स्वास्थ्य अब ठीक है, इसलिए वह चुनाव लड़ने को तैयार हैं। यह भी कहा कि चुनाव को लेकर पार्टी में चर्चा हो चुकी है और संभावना है कि आम चुनाव फरवरी के पहले सप्ताह में कराए जाएं। 

खालिदा के बेटे रहमान का दावा

बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष और खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान से हुई बातचीत का ज़िक्र करते हुए मिंटू ने कहा कि अगर देश की परिस्थितियां और अदालत का फैसला बदलता है तो चुनाव फरवरी से पहले भी हो सकते हैं। रहमान फिलहाल लंदन में रहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कार्यवाहक सरकार को लेकर बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित है। यदि अदालत कार्यवाहक सरकार की अनुमति देती है, तो 90 दिनों के भीतर चुनाव कराए जाने की संभावना है।

खालिदा को है कौन सी बीमारी

गौरतलब है कि जनवरी 2024 में बेहतर चिकित्सा देखभाल के लिए खालिदा जिया को लंदन ले जाया गया था और वे चार महीने के इलाज के बाद मई में ढाका वापस लौटीं। वे लंबे समय से लिवर सिरोसिस, गुर्दे की बीमारी, हृदय रोग, मधुमेह और गठिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। 2018 में भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जाने के बाद 8 फरवरी 2018 को उन्हें ओल्ड ढाका सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया था। यह मामला जिया अनाथालय ट्रस्ट घोटाले से संबंधित था।  कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार ने एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से उन्हें 25 मार्च 2020 को अस्थायी रूप से रिहा कर दिया था। उनकी रिहाई की शर्तों में यह शामिल था कि वे घर में ही रहेंगी और देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी।

हसीना की सरकार गिरने के बाद फिर रिहा हुई खालिदा

इसके बाद 6 अगस्त 2024 को शेख हसीना सरकार के हटने के बाद उन्हें राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के आदेश के तहत फिर से रिहा कर दिया गया। इस रिहाई ने उनकी राजनीतिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने का रास्ता खोल दिया। अब जबकि उनकी सेहत में सुधार हुआ है और राजनीतिक हालात भी बदलते नजर आ रहे हैं, खालिदा जिया के चुनाव लड़ने की घोषणा बीएनपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए एक प्रेरणास्पद संकेत है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में उनका राजनीतिक पुनरागमन किस दिशा में जाता है। (भाषा)

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