
दया नायक हो रहे हैं रिटायर।
महाराष्ट्र के सबसे मशहूर एनकाउंटर स्पेशलिस्टों में से एक और मुंबई पुलिस के बहुचर्चित पुलिस अधिकारी दया नायक आज गुरुवार 31 जुलाई के दिन पुलिस फोर्स से रिटायर होने जा रहे हैं। रिटायरमेंट से दो दिन पहले ही मंगलवार को दया नायक को प्रमोट कर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) बनाया गया था। दया नायक के रिटायरमेंट को अंडरवर्ल्ड को खत्म करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले पुलिसकर्मियों के एक युग के अंत के तौर पर देखा जा रहा है।
कौन हैं दया नायक?
दया नायक मुंबई पुलिस के जाने-माने अधिकारी हैं। महाराष्ट्र में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में प्रसिद्ध पुलिस अधिकारी हैं। मुंबई में अंडरवर्ल्ड के खात्मे में उनका अहम रोल भी माना जाता है। दया नायक 1995 में मुंबई पुलिस में शामिल हुए थे। वह कई साल तक महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) में भी तैनात रहे। वह उस टीम में शामिल थे जिसने 2021 में मुकेश अंबानी घर के पास से कार से विस्फोटक मिलने और उसके बाद ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या के केस को सॉल्व किया था। नायक वर्तमान में महाराष्ट्र की अपराध शाखा की बांद्रा इकाई में तैनात हैं।
80 के करीब एनकाउंटर किए
दया नायक 1990 के दशक में उन पुलिस अधिकारियों में शामिल रहे, जिन्होंने कई गैंगस्टरों को ‘मुठभेड़ों’ में मार गिराया था। इसे लेकर उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली। वह करीब 80 एनकाउंटर को अंजाम देने वाले हाई-प्रोफाइल अधिकारी हैं। दया नायक ने दाउद इब्राहिम और छोटा राजन की गैंग से जुड़े कई गैंगस्टरों को मार गिराया था।
विवाद में भी फंसे दया नायक
साल 2006 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। कुछ साल पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें लगभग साढ़े छह साल के लिए निलंबित भी किया गया था। हालांकि बाद में पुलिस बल में बहाल कर दिया गया था। आपको बता दें कि दया नायक का संबंध कर्नाटक राज्य से है। उनका जन्म कर्नाटक के उडुपी जिले में एक कोंकणी भाषी परिवार में हुआ था।
दया नायक पर फिल्में भी बनीं
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक की प्रसिद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके जीवन के ऊपर एक नहीं बल्कि कई फिल्मों का निर्माण हुआ था। साल 2004 में आई क्राइम ड्रामा फिल्म ‘अब तक छप्पन’ दया नायक के जीवन से प्रेरित थी। इस फिल्म में नाना पाटेकर ने मुख्य किरदार निभाया था। उन्हें पुलिस मुठभेड़ों में 56 लोगों को मारने के लिए जाना जाता था। इसके अलावा दया नायक से प्रेरित फिल्में गोलीमार (तेलुगु), रिस्क, एनकाउंटर दयानायक, आन: मेन एट वर्क, डिपार्टमेंट हैं।
प्रमोशन-रिटायरमेंट पर क्या बोले दया नायक?
एसीपी के पद पर प्रमोट होने और रिटायरमेंट पर दया नायक ने कहा- “कृतज्ञता और गर्व के साथ, मैं यह बताना चाहता हूं कि मुझे एसीपी के पद पर प्रमोट किया गया है। हालांकि मैं चाहता हूं कि मुझे इस पद पर और समय मिलता, लेकिन मुझे यह जानकर गहरा संतोष है कि मैंने अपनी पूरी क्षमता से अपने राज्य और देश की सेवा की है। इस उपलब्धि और इससे जुड़ी हर चीज़ से सम्मानित महसूस कर रहा हूं।”
एक अन्य ट्वीट में दया नायक ने कहा- पहली बार एसीपी की वर्दी पहनना – “इसे हमेशा के लिए छोड़ने से ठीक एक दिन पहले। जीवन भर सेवा करने के बाद, यह क्षण एक गहरे, शांत गर्व का एहसास देता है। यह भले ही अंत में आया हो, लेकिन यह एक आशीर्वाद जैसा लगता है। एक ऐसा सम्मान जो न केवल प्रमोशन का, बल्कि जीवन भर के कर्तव्य, अनुशासन और समर्पण का प्रतीक है। इस यात्रा के हर कदम के लिए, और अपने राज्य और देश की सेवा करने के सौभाग्य के लिए आभारी हूं। जय हिंद, जय महाराष्ट्र।”
