भारत का फ्यूल एक्सपोर्ट डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ लिस्ट से बाहर, अमेरिका जाने वाले इन सामानों पर नहीं लगेगा टैरिफ


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Photo:PIXABAY अमेरिका को फ्यूल देने वाला सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है रिलायंस इंडस्ट्रीज (सांकेतिक तस्वीर)

भारत से अमेरिका को एक्सपोर्ट किए जाने वाले डीजल और एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) जैसे पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को इंपोर्ट ड्यूटी (टैरिफ) से छूट दी गई है। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अभी ये संकेत नहीं दिया है कि रूस के साथ भारत के ऊर्जा व्यापार को रोकने के लिए वो कौन-सा जुर्माना लगाने की योजना बना रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को मौजूदा व्यापार बाधाओं पर चिंता जताते हुए भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने साथ ही कहा कि रूस के साथ ऊर्जा और रक्षा संबंधों के कारण भारत पर अलग से जुर्माना लगाया जाएगा। बाद में उन्होंने जिस सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, वो सिर्फ अमेरिका आने वाले भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू करता है। 

अमेरिका जाने वाले इन भारतीय सामानों पर नहीं लगेगा टैरिफ

सरकारी आदेश में ऐसे सामानों की भी लिस्ट है, जिस पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा। इन सामानों में तैयार फार्मा प्रॉडक्ट्स (टैबलेट, इंजेक्शन और सिरप), दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईसीटी से जुड़े सामान जैसे- सेमीकंडक्टर, स्मार्टफोन, एसएसडी और कंप्यूटर के अलावा पेट्रोलियम उत्पाद जैसे- कच्चा तेल, एलएनजी, रिफाइंड फ्यूल, बिजली और कोयला शामिल हैं। कार्यकारी आदेश में रूसी व्यापार के लिए लगाए जाने वाले किसी भी जुर्माने का भी संकेत नहीं है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में अमेरिका को 48.6 लाख टन पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट किए थे, जिसकी कीमत 4 अरब डॉलर से ज्यादा थी। 

अमेरिका को फ्यूल देने वाला सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है रिलायंस इंडस्ट्रीज

रिलायंस इंडस्ट्रीज अमेरिका को फ्यूल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। एक्सपर्ट्स ने कहा कि फ्यूल एक्सपोर्ट छूट वाली लिस्ट में बने रहने से भारत और रिलायंस जैसी कंपनियों के लिए कारोबार सामान्य रूप से चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर रूस से तेल आयात के लिए भारत पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता है, तो ये राहत की बात होगी। फिलहाल, अमेरिकी प्रशासन ने किसी जुर्माने का संकेत नहीं दिया है। भारत ऐतिहासिक रूप से अपना ज्यादातर कच्चा तेल इराक और सऊदी अरब समेत पश्चिम एशिया से खरीदता रहा है, लेकिन फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद हालात बदल गए। भारत ने छूट पर उपलब्ध रूसी तेल को बड़े पैमाने पर खरीदना शुरू कर दिया था।

पीटीआई इनपुट्स के साथ

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