अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। आधिकारिक सूत्रों ने ये जानकारी दी। इस बैठक ने प्रस्तावित ताजपुर बंदरगाह की स्थिति को लेकर नई अटकलों को जन्म दिया है। बंगाल सरकार ने 25,000 रुपये करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट के लिए अडाणी ग्रुप के साथ चार साल पुरानी साझेदारी को खत्म करते हुए हाल में नया टेंडर जारी करने का फैसला किया है। ताजपुर बंदरगाह को पूर्वी भारत के लिए एक रणनीतिक बुनियादी ढांचा परियोजना माना जा रहा है।
परिवर्तनकारी परियोजना के रूप में देखा जा रहा है ताजपुर बंदरगाह
ताजपुर बंदरगाह को पश्चिम बंगाल के लॉजिस्टिक एवं व्यापार संपर्क के लिए एक संभावित परिवर्तनकारी परियोजना के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार और अडाणी ग्रुप दोनों ने ही इस मुलाकात में हुई चर्चा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच निवेश से जुड़े कई मुद्दों पर सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई। अडाणी ग्रुप से जुड़े सूत्रों ने पहले संकेत दिया था कि ग्रुप ताजपुर बंदरगाह परियोजना के लिए प्रतिबद्ध है।
गौतम और ममता के बीच 1 घंटे से ज्यादा समय तक चली बातचीत
अब तक राज्य सरकार की तरफ से ये स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है कि अडाणी ग्रुप की कंपनी को दिया गया टेंडर आधिकारिक रूप से रद्द कर दिया गया है या नहीं। गौतम अडाणी सोमवार को शाम करीब पांच बजे पश्चिम बंगाल सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री से मिले। उनकी बातचीत एक घंटे से ज्यादा समय तक चली। इससे पहले वे दिसंबर 2021 में यहां आए थे। उन्होंने 2022 के ‘बंगाल वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन’ (बीजीबीएस) में भी शिरकत की थी, जहां ग्रुप ने 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी।
ममता ने टाटा संस के चेयरमैन से भी की थी मुलाकात
साल 2023 की शुरुआत में ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद ये अडाणी की राज्य की मुख्यमंत्री के साथ पहली बैठक है। इस साल के अंत में होने वाले ‘व्यवसाय एवं उद्योग सम्मेलन’ को देखते हुए ये बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कुछ दिनों पहले बनर्जी ने कोलकाता में टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन से भी मुलाकात की थी। ये पश्चिम बंगाल में बड़े निवेश आकर्षित करने की कोशिशों के बीच उद्योग जगत के दिग्गजों से बढ़ते संपर्क को दर्शाता है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ