
बादल फटने के कारण तबाही की घटनाएं।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली गांव में कुदरत ने भारी तबाही मचाई है। उत्तरकाशी में बादल फटने से धराली गांव मलबे में तब्दील हो गया। इस तबाही का हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। ऊपर से पानी का तेज बहाव आया और रास्ते में पड़ने वाले घर समेत तमाम चीजें अपने साथ बहा ले गया। इस हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत की खबर सामने आ चुकी है। वहीं, बड़ी संख्या में लोग लापता भी हैं। आइए जानते हैं इससे पहले भारत में बादल फटने के कारण आई कुछ बड़ी तबाही वाली घटनाओं के बारे में।
भारत में बादल फटने की बड़ी घटनाएं
- साल 1998 में अगस्त महीने में उत्तराखंड के कुमाऊं जिले के काली घाटी में बादल फटा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना में करीब 250 लोगों की मौत हुई थी।
- 1979 में 17 अगस्त की तारीख को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के कुंथा में बादल फटा था। इस घटना में 39 लोगों की जान चली गई थी।
- महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 2005 के जुलाई महीने में बादल फटने के कारण बड़ी तबाही आई थी। आपदा में 450 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
- साल 2010 के अगस्त महीने में लेह में बादल फटा था। इस प्राकृतिक आपदा में 250 से 600 के करीब लोग मारे गए थे।
- साल 2012 के सितंबर महीने में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटा जिसमें करीब 45 लोगों की मौत हुई थी।
- साल 2014 के सितंबर महीने में कश्मीर घाटी में बादल फटा था। इसमें करीब 200 लोग मारे गए थे।
- 1991 में 16 अगस्त की तारीख को उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से 26 लोगों की मौत हो गई थी।
- रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ तहसील के भेंटी-पौंडार गांव में साल 1998 में 11-19 अगस्त के बीच बादल फटने की घटना में करीब 103 लोगों की मौत हो गई थी।
- साल 2019 में 18 अगस्त को उत्तरकाशी जिले की मोरी तहसील के आराकोट में बादल फटने के कारण 21 लोगों की मौत हो गई।
- साल 2013 में 16-17 जून को केदारनाथ में आई तबाही को कौन भूल सकता है। इस आपदा में 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और बड़ी संख्या में लोग लापता हो गए थे।
- साल 2025 में हिमाचल के मंडी में एक के बाद एक कई बार बादल फटे। इस घटना में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 27 अन्य लोग अभी भी लापता हैं।
धराली में कैसे हैं हालात?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हर्षिल के धराली में बादल फटने से जबरदस्त तबाही मची है। बादल फटने से खीर गंगा में फ्लैश फ्लड आ गई जिसने पूरा इलाका तबाह कर दिया। NDRF, SDRF और आर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई है।