बिहार चुनावों से पहले चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन, 334 पार्टियों का रजिस्ट्रेशन हुआ कैंसिल


Election Commission action, 334 political parties registration cancelled- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE
चुनाव आयोग ने जून में इन पार्टियों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने की प्रक्रिया शुरू की थी।

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शनिवार को बड़ा कदम उठाते हुए 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों यानी कि RUPP का पंजीकरण रद्द कर दिया। इन पार्टियों ने 2019 के बाद से एक भी चुनाव नहीं लड़ा था और न ही इनके दफ्तरों का कोई भौतिक पता मिल सका। ऐसे में इन दलों ने रजिस्टर्ड अनरजिस्टर पॉलिटिकल पार्टी के रूप में बने रहने की अनिवार्य शर्तों को पूरा नहीं किया। बिहार विधानसभा चुनावों से पहले आयोग का इस कदम को राजनीतिक व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।

क्या हैं RUPP और क्यों हुई कार्रवाई?

RUPP यानी Registered Unrecognised Political Parties, वे राजनीतिक दल हैं जो चुनाव आयोग के पास पंजीकृत तो हैं, लेकिन इन्हें राष्ट्रीय या राज्य स्तर की मान्यता नहीं मिली है। ये दल भारत में प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 29A के तहत पंजीकृत होते हैं। पंजीकरण के बाद इन्हें टैक्स छूट जैसे कुछ विशेष लाभ मिलते हैं। देश में कुल 2,854 RUPP थे, जिनमें से चुनाव आयोग के एक्शन के बाद अब 2,520 बचे हैं।

चुनाव आयोग ने इन 334 दलों को इसलिए हटाया क्योंकि इन्होंने 2019 के बाद से न तो लोकसभा, न राज्य विधानसभा और न ही उप-चुनाव में हिस्सा लिया।  इन दलों के दफ्तरों का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं पाया गया। आयोग ने जब जांच की, तो ये दल कागजों तक ही सीमित थे। कुछ RUPP पहले आयकर नियमों और मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानूनों का उल्लंघन करते पाए गए थे।

पंजीकरण रद्द करने के क्या हैं नियम?

चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने पहले राजनीतिक दलों को ‘मान्यता रद्द’ करने से रोका था, क्योंकि कानून में इसका प्रावधान नहीं है। लेकिन आयोग ने ‘डीलिस्टिंग’ का रास्ता निकाला। डीलिस्टिंग का मतलब है कि इन दलों को पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया गया है। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A और चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत, कोई भी पंजीकृत दल अगर लगातार 6 साल तक लोकसभा, विधानसभा या स्थानीय निकाय चुनाव में हिस्सा नहीं लेता, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। हालांकि, ये दल बिना नई मान्यता प्रक्रिया के दोबारा रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

देश में अब कितने राजनीतिक दल बचे?

देश में अब 6 राष्ट्रीय दल, 67 राज्य स्तरीय दल और 2,520 RUPP बचे हैं। आयोग ने 2001 से अब तक 3-4 बार ऐसी सफाई की है। इस बार जून 2025 में 345 दलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई थी, जिनमें से 334 का पंजीकरण रद्द किया गया। डीलिस्ट किए गए दल अब चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतार सकेंगे। यह कदम बिहार चुनाव से पहले इसलिए भी अहम है, क्योंकि इससे राजनीतिक प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी दलों पर लगाम लगेगी। दरअसल, ऐसे दल अक्सर केवल कागजों पर मौजूद रहते हैं और टैक्स छूट, मनी लॉन्ड्रिंग या अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *