रजत शर्मा का ब्लॉग | भारत-चीन-रूस साथ साथ: मोदी की कूटनीति में नया मोड़


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इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

अमेरिका के टैरिफ़ युद्ध के ख़िलाफ़ भारत, चीन और रूस की मोर्चेबंदी बनती दिख रही है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ़ोन किया। दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इसकी जानकारी दी। मोदी ने बताया कि पुतिन ने उन्हें यूक्रेन युद्ध का अपडेट दिया। दोनों नेताओं ने सामरिक संबंध और मज़बूत बनाने पर चर्चा की। मोदी ने कहा कि वो पुतिन के भारत दौरे का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।

उधर, चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने अपने सम्पादकीय में भारत और प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ़ की। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि मोदी, चीन के दौरे पर आ रहे हैं, ये बहुत बड़ी और अच्छी बात है। इससे चीन और भारत को फ़ायदा होगा। पूरे इलाक़े की शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। एक बार फिर से चीन और भारत को भाई-भाई बताते हुए ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि मुश्किल वक़्त में भाई की मदद करने से अपना भी भला होता है। ग्लोबल टाइम्स का इशारा भारत पर ट्रंप के टैरिफ की तरफ़ था।

भारत में चीन के राजदूत शू फीहोंग ने भी ट्रंप के टैरिफ़ का विरोध किया था और कहा था कि ट्रंप का रुख WTO के नियमों के ख़िलाफ़ है। चीन के विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी के चीन आने के फ़ैसले का स्वागत किया और कहा कि इस दौरे से दोनों देश और क़रीब आएंगे। रूस, चीन और भारत के बीच बढ़ती नज़दीकी से ट्रंप परेशान हैं। आज ट्रंप ने भारत को लेकर अपना रुख़ और कड़ा कर लिया। इसी महीने अमेरिका की एक टीम व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए भारत आने वाली थी लेकिन ट्रंप ने कहा है कि जब तक टैरिफ का मसला नहीं सुलझ जाता तब तक वो व्यपार समझौते पर भारत से बात नहीं करेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने जिस अंदाज में भारत पर 50% tariff लगाया है, उससे एक बात तो साफ है कि नरेंद्र मोदी के साथ ट्रंप की कोई डील नहीं हुई। ट्रंप ने 32 बार कहा कि उन्होंने टैरिफ डील का प्रेशर डालकर भारत और पाकिस्तान का समझौता करवाया लेकिन ये नहीं बताया कि कौन सी डील हुई। अब ये तो साफ है कि मोदी ने ट्रंप के सामने सरेंडर नहीं किया। ट्रंप ने मोदी को provoke करने की हर संभव कोशिश की पर मोदी ने मर्यादा बनाए रखी।

ट्रंप ने भारत पर बार-बार दबाव डालने की कोशिश की, बार-बार goal post बदले, तो भी मोदी ने भारत के आत्मसम्मान के साथ कोई समझौता नहीं होने दिया। कहां हैं वो लोग जो ‘नरेंदर सरेंडर’ कहते थे? कहां हैं वो लोग जो कहते थे कि मोदी ने tariff के लिए ट्रंप के साथ डील कर ली? ट्रंप भारत को रूस से तेल न लेने की धमकी देते रहे, चीन को concession देते रहे लेकिन मोदी ने संकट को अवसर में बदल दिया।

अगर भारत चीन और रूस का मोर्चा बना, तो ये तीनों मिलकर ट्रंप के tariff की हवा निकाल सकते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि जिस चीन के साथ भारत की तकरार थी, ट्रंप की मेहरबानी से वो चीन अब मोदी और भारत के पक्ष में बोलने लगा है। कहां हैं वो लोग जो कह रहे थे कि मोदी की Diplomacy fail हो गई? (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 08 अगस्त, 2025 का पूरा एपिसोड

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