
दिलजीत दोसांझ
दिलजीत दोसांझ ने बीते 5 मई को मेट गाला 2025 में डेब्यू करके भारत को गौरवान्वित किया है। पंजाबी गायक न्यूयॉर्क में आयोजित इस हाई-एंड फैशन इवेंट में ब्लू कार्पेट पर किसी राजा की तरह चले। उन्होंने प्रबल गुरुंग के परिधान में अपनी सांस्कृतिक जड़ों को श्रद्धांजलि दी। दिलजीत ने मेट गाला 2025 में अपनी पंजाबी सांस्कृतिक विरासत को ब्लैक डैंडीज्म की थीम के साथ जोड़ा और पटियाला के महाराजा को श्रद्धांजलि दी थी। इसी दौरान दिलजीत ने अपने 60 की उम्र के बाद का प्लान भी बताया था। दिलजीत ने बताया था कि 60 साल के बाद वे हॉलीवुड फिल्मों में लंबी डाढ़ी और कृपाण के साथ सिख पहनावे को दिखाना चाहते हैं।
पहचान को लेकर क्या सोचते हैं दिलजीत
जब दिलजीत दोसांझ ने बताया कि वह चाहते थे कि दुनिया उन्हें जाने, जबकि वह किसी को नहीं जानते थे
दिलजीत की टीम ने पहले ही खुलासा कर दिया था कि गायक पटियाला के महाराजा के आभूषण खुद पहनना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई। एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले इस गायक के अब दुनिया भर में प्रशंसक हैं और वह अपनी सपनों की जिंदगी जी रहे हैं। एक बार फिल्मी कम्पैनियन को दिए एक इंटरव्यू में दिलजीत से पूछा गया कि लोग उन्हें क्यों पसंद करते हैं, तो उन्होंने बताया कि बचपन से ही उनका सपना था कि दुनिया उन्हें जाने और वह किसी को न जानें। दिलजीत बताते हैं, ‘मैं सोचता था जब छोटा था बड़ा मूर्ख सी चीज थी जो मैंने सोचा था कि ऐसा दिन आए कि मैं किसी को न जानता हूं और मेरे को सब जानता है। ये ऐसा मूर्खतापूर्ण मेरे दिमाग में चलती रहती थी बात। वैनिटी एन्जॉय करता हूं। ये कभी लाइफ में होनी नहीं थी। काम वैनिटियो में बैठने वाले थोड़ी हैं। तोह एक चीज में आनंद लेता हूं। वैनिटी, लाइट, स्पॉट मिलता है ना? ये सब चीजें कभी लाइफ में?’
हॉलीवुड फिल्मों में काम करना चाहते हैं दिलजीत
दिलजीत ने इंटरव्यू में आगे बढ़ते हुए अपने भविष्य के लक्ष्यों के बारे में भी बताया कि वह किस तरह का काम करना चाहते हैं और सफलता के किस शिखर पर पहुंचना चाहते हैं। गायक ने बताया कि 60 साल की उम्र के बाद वह अमृत लेना चाहते हैं। जिन्हें नहीं पता उनके लिए बता दें कि यह सिख दीक्षा समारोह है जहां सिख समुदाय के लोग खालसा समुदाय में शामिल होते हैं। दिलजीत ने हॉलीवुड फिल्में करने की अपनी योजनाएं भी साझा कीं और कहा कि वह शांति से आराम करना चाहते हैं। दिलजीत बताते हैं, ‘जो आखिरी बार मैंने सोचा है वो यही है कि 60 के दशक में मैं जाके ना मैं अमृत चखूंगा। मैं प्रॉपर सिख नहीं हूं, फिर मैं हॉलीवुड फिल्मों में काम करूंगा और मेरी दाढ़ी होगी बड़ी साड़ी, कृपाण होगी और सब देखेंगे यार। सरदारजी जो आते हैं हॉलीवुड फिल्मों में तब तक मैं अंग्रेजी भी सीख लूंगा। ये मेरी तमन्ना है आखिरी। उसके बाद उठा ले भगवान।’