
जस्टिस यशवंत वर्मा
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव पर तीन सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की है। तीन सदस्यीय कमेटी में सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और एक कानूनविद को शामिल किया गया। इस कमेटी में कानूनविद बी.वी. आचार्य, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव का नाम शामिल है।
सांसदों ने की थी महाभियोग प्रस्ताव की मांग
पिछले महीने लोकसभा सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपकर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की मांग की थी। इसमें कांग्रेस, BJP, TDP, JDU, और अन्य दलों के सांसद शामिल थे। इसके साथ ही जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन CJI संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी को पत्र लिखकर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की सिफारिश की थी।
घर से बरामद हुई थी जली नकदी
जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड एक हाई-प्रोफाइल मामला है। इसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा शामिल हैं। यह मामला 14 मार्च 2025 को दिल्ली में उनके सरकारी आवास पर लगी आग से शुरू हुआ, जब वहां से भारी मात्रा में जली हुई नकदी बरामद हुई थी। उस समय जस्टिस वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट में कार्यरत थे।
इलाहाबाद कर दिया गया था ट्रांसफर
28 मार्च 2025 को जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। साथ ही उन्हें न्यायिक कार्यों से भी हटा दिया गया था।