
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती।
नई दिल्ली: ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके देश में अवैध तरीके से रह रहे लोगों को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक भारत के नागरिकों, खासकर नौजवानों का है। लेकिन कई लोग फर्जी वोटर आईडी और दस्तावेजों के जरिए इन संसाधनों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, जो एक गंभीर मसला है। बता दें कि 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घुसपैठ को एक सुनियोजित साजिश करार दिया था।
‘सभी सियासी दलों को इस पर चर्चा करनी चाहिए’
चिश्ती ने इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर विचार-विमर्श करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘यह हम सबके लिए चिंता का विषय है। हमारे मुल्क के नागरिकों का हक छीना जा रहा है। हमें जागरूक होने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने भी इस पर अपनी फिक्र जाहिर की है।’ उन्होंने इस मसले पर सभी दलों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा, ‘हमें मिलकर इस मसले का हल निकालना होगा। यह वक्त की जरूरत है कि हम अपने मुल्क के हक को बचाएं और अमन-चैन को कायम रखें।’
‘घुसपैठ की साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’
बता दें कि घुसपैठ को एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह साजिश देश की जनसांख्यिकी यानी कि डेमोग्राफी को बदलने की कोशिश है। PM मोदी ने कहा, ‘देश के पूर्वजों ने भारतीयों को आजादी दिलाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया और यह देश के नागरिकों का कर्तव्य है कि वे ऐसी गतिविधियों को स्वीकार न करें। ये घुसपैठिए हमारे युवाओं की रोजी-रोटी छीन रहे हैं। ये घुसपैठिए हमारे देश की बेटियों और बहनों को निशाना बना रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये घुसपैठिए भोले-भाले आदिवासियों को बेवकूफ बनाकर उनकी वन भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। यह देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।’
‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है डेमोग्राफी चेंज’
सीमावर्ती इलाकों में जनसांख्यिकीय बदलाव को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए मोदी ने एक हाई-लेवल डेमोग्राफिक मिशन शुरू करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, ‘लाल किले की प्राचीर से, मैं कहना चाहता हूँ कि हमने एक उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकीय मिशन शुरू करने का फैसला किया है। यह मिशन इस गंभीर संकट से निपटेगा और एक निश्चित समय-सीमा में हमारे देश पर मंडरा रहे संकट का समाधान करेगा। हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’ पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जनसांख्यिकीय बदलाव सामाजिक तनाव को जन्म देते हैं और देश की एकता व अखंडता को नुकसान पहुंचाते हैं।