
अलास्का में व्लादिमीर पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप।
कीव: यूक्रेन की राजधानी कीव में, जहां हर दिन रूस की तरफ से होने वाले हमलों का डर बना रहता है, लोग छला हुआ महसूस कर रहे हैं। कीव के लोगों ने अपने सबसे बड़े सहयोगी देश अमेरिका को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ‘रेड कार्पेट’ बिछाकर स्वागत करते देखा। यूक्रेन के ज्यादातर लोग पुतिन को पिछले साढ़े तीन साल से चल रहे युद्ध, खूनखराबे और नुकसान का जिम्मेदार मानते हैं। ऐसे में जब उन्होंने अलास्का में पुतिन का लाल कालीन पर स्वागत होते हुए देखा तो उनके गुस्से और हैरानी की कोई सीमा नहीं रही।
कीव के लोगों में दिखा जबरदस्त गुस्सा
66 साल की कीव निवासी नताल्या लिपेई अपनी आंखों पर यकीन नहीं कर पाईं। उनके फोन की स्क्रीन पर तस्वीरें थीं, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया और तालियां बजाकर उनका अभिवादन किया। पुतिन जब अलास्का आ रहे थे तो उन्हें 4 अमेरिकी फाइटर जेट्स एस्कॉर्ट कर रहे थे। नताल्या ने गुस्से में कहा, ‘ऐसे तानाशाह का स्वागत कैसे किया जा सकता है?’ यह सवाल कीव के कई लोगों के दिल में था।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय का उल्लंघन
ट्रंप ने पुतिन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट को भी नजरअंदाज किया, जिसके चलते पुतिन ज्यादातर समय रूस या अपने करीबी सहयोगी देशों तक सीमित रहते हैं। ट्रंप का यह रवैया यूक्रेनवासियों के लिए एक बड़ा धोखा जैसा लगा। बता दें कि 2022 में शुरू हुए रूस के हमले के बाद से यूक्रेन ने भारी कीमत चुकाई है। हजारों सैनिक मारे गए या घायल हुए हैं। रूसी हमलों में हजारों नागरिकों की जान गई। देश का पांचवां हिस्सा रूसी कब्जे में है, जिसने परिवारों, संपत्तियों और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को तोड़कर रख दिया है।
पुतिन जब अलास्का आ रहे थे तो उन्हें 4 अमेरिकी फाइटर जेट्स एस्कॉर्ट कर रहे थे।
सोशल मीडिया पर नजर आ रहा गुस्सा
यूक्रेनी सोशल मीडिया पर ट्रंप और पुतिन की लाल कालीन पर चलते हुए तस्वीरें वायरल हो गईं। कई मीम्स में इन तस्वीरों को यूक्रेनी सैनिकों और नागरिकों की लाशों के साथ जोड़ा गया, जो लोगों के गुस्से और दर्द को दिखाता है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यह मुलाकात पुतिन के लिए एक जीत होगी। उनकी बात सच साबित हुई। यह मुलाकात पुतिन के लिए एक बड़ी कामयाबी थी, क्योंकि 10 साल बाद वे अमेरिकी धरती पर कदम रख पाए। यह उनके लिए अंतरराष्ट्रीय अलगाव को पूरी तरह से खारिज करने का एक बड़ा मौका था।
‘यह मुलाकात एक और मातम जैसी है’
नताल्या लिपेई के लिए यह मुलाकात किसी और जख्म को कुरेदने जैसी थी। उनके 34 साल के बेटे, जो यूक्रेन की 79वीं ब्रिगेड में लड़े थे, पिछले साल डोनेट्स्क क्षेत्र में शहीद हो गए। यह वही इलाका है, जिसे खाली करने की शर्त पुतिन ने शांति समझौते के लिए रखी है। नताल्या ने दुखी मन से कहा, ‘मेरे बच्चे की शहादत के बाद यह मुलाकात एक और मातम जैसी है। मैं नहीं चाहती कि किसी और मां को ऐसा दर्द और आंसू सहने पड़ें।’
अलास्का में व्लादिमीर पुतिन का डोनाल्ड ट्रंप ने जोरदार स्वागत किया।
‘पता नहीं कोई नतीजा निकलेगा भी या नहीं’
कीव निवासी 60 साल की नताल्या कुकील ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि ट्रंप इस मुलाकात से कोई ठोस नतीजा नहीं निकाल पाए, जबकि वे युद्ध खत्म करने की बात करते रहे। उन्होंने कहा, ‘कोई नतीजा नहीं निकला और पता नहीं भविष्य में निकलेगा भी या नहीं। हम हमेशा कुछ अच्छे की उम्मीद करते हैं, लेकिन अब निराशा ही हाथ लगी।’
‘मुलाकात में पुतिन ने 100 फीसदी बाजी मार ली’
72 साल के पेंशनर अनातोली कोवालेंको ने कहा कि इस मुलाकात में पुतिन ने 100 फीसदी बाजी मार ली। उन्होंने कहा, ‘चाहे कुछ भी बात हुई हो, यह साफ है कि हमारा दुश्मन जनसंपर्क के मैदान में जीत गया।’ यूक्रेनवासियों का मानना है कि अगर ट्रंप ने पुतिन पर सख्त प्रतिबंध लगाने और यूक्रेन के पक्ष में ठोस कदम उठाने पर जोर दिया होता, तो शायद युद्ध का रुख बदल सकता था। लेकिन इस मुलाकात में यूक्रेन के लिए कोई ठोस फैसला नहीं हुआ, जिससे लोगों में गुस्सा और निराशा और बढ़ गई। (AP)