उत्तराखंडः नैनीताल में लापता जिला पंचायत सदस्यों का आया वीडियो, क्या अगवा किया गया? दिया ये जवाब


जिला पंचायत सदस्यों की तस्वीर- India TV Hindi
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जिला पंचायत सदस्यों की तस्वीर

नैनीतालः उत्तराखंड के पहाड़ी शहर नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कथित तौर पर कांग्रेस समर्थित पांच निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों के लापता मामले में नया मोड़ आ गया है। पांच जिला पंचायत सदस्यों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने माना है कि उनका अपहरण नहीं हुआ है, वह खुद अपनी मर्जी से गए हैं। वीडियो आने के बाद सोशल मीडिया पर भाजपा और कांग्रेस के बीच जंग छिड़ चुकी है। 

कांग्रेस ने दिया धरना

दरअसल बीते 14 अगस्त को नैनीताल में जिला पंचायत सदस्यों को मतदान स्थल के बाहर से अगवा करने के बाद उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल आ गया। जिसको लेकर पूरे मामले पर 15 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में कांग्रेस ने एकजुट होकर हल्द्वानी एसएसपी कार्यालय में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि भाजपा के इशारे पर अपहरण किया गया हैं। एसपी सिटी के आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन को समाप्त किया गया। 

क्या है पूरा मामला

बता दें कि कांग्रेस द्वारा भाजपा पर नैनीताल में अपने पांच जिला पंचायत सदस्यों को वोट डालने से रोकने के लिए उनका अपहरण करने का आरोप लगाने और इस मामले को लेकर उत्तराखंड हाई कोर्ट का रूख करने के एक दिन बाद शुक्रवार को नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा में मतगणना हुई। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सोमवार 18 अगस्त की तिथि तय की है। राज्य निर्वाचन आयोग से निर्देश मिलने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतों की गिनती कराए जाने का निर्णय लिया। निर्वाचन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि चुनाव के नियमों के मुताबिक ‘बूथ कैप्चरिंग’, तकनीकी खराबी या सीलबंद मतपेटियों को नुकसान पहुंचने के मामलों को छोड़कर पुनर्मतदान का कोई प्रावधान नहीं है और इनमें से यहां कुछ लागू नहीं होता।

नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय को आश्वस्त किया था कि भाजपा के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लगाए गए अपहरण के आरोपों के बाद वह राज्य निर्वाचन आयोग से इन पदों पर पुनर्मतदान का आदेश देने का अनुरोध करेंगी। मतगणना पूरी होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने परिणामों को एक लिफाफे में सील कर दिया । यह सीलबंद लिफाफा उच्च न्यायालय के समक्ष 18 अगस्त को प्रस्तुत किया जाएगा। इस संबंध में अदालत का आदेश आने के बाद ही परिणाम घोषित किया जाएगा।  

रिपोर्ट: भूपेंद्र रावत, हल्द्वानी 

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