
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार
नई दिल्ली: मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को वोट चोरी समेत तमाम आरोपों और SIR को लेकर सवालों के खुलकर जवाब दिए। इसी दौरान ज्ञानेश कुमार ने बताया, “SIR के बाद बिहार की मसौदा मतदाता सूची से हटाए गए नामों की सूची SC के आदेश के बाद जिलाधिकारियों की वेबसाइटों पर डाल दी गई है।”
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते निर्वाचन आयोग से कहा था कि वह मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख नामों की जानकारी को प्रकाशित करे और ये बताए कि उन्हें शामिल क्यों नहीं किया गया। पारदर्शिता लाने की दृष्टि से सुप्रीम कोर्ट ने ये बात SIR को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कही थी।
शीर्ष अदालत के निर्देश का 56 घंटे के अंदर पालन: ज्ञानेश कुमार
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने ये भी कहा, “सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के 56 घंटे के भीतर, जिन मतदाताओं के नाम मसौदा मतदाता सूची में शामिल नहीं थे, उन्हें जिलों की वेबसाइट पर डाल दिया गया।”
इस दौरान ज्ञानेश कुमार ने ये भी कहा, “ये एक मिथक है कि SIR जल्दबाजी में किया गया है। हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को सही करना निर्वाचन आयोग का कानूनी कर्तव्य है। निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव नहीं कर सकता और सत्तारूढ़ और विपक्षी दल, दोनों ही चुनाव प्राधिकार के लिए समान हैं।”
ज्ञानेश कुमार ने ये भी कहा, “कांग्रेस नेता को मतदाता सूची में अनियमितताओं के अपने आरोपों पर सात दिन के भीतर शपथपत्र देना चाहिए, अन्यथा उनके वोट चोरी के दावे निराधार और अमान्य माने जाएंगे।”
बता दें कि विपक्ष लंबे समय से वोट चोरी और SIR के मुद्दे पर चुनाव आयोग को घेर रहा है, जिसकी वजह से चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सभी तरह के सवालों के जवाब दिए। (इनपुट: भाषा)
