
संबित पात्रा
चुनाव में धांधली और मतदाता सूची में गड़बड़ी के मुद्दे पर बीजेपी ने सोमवार को विपक्ष पर हमला किया। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल हमेशा से ही संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाते रहे हैं। इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव में धांधली हुई है तो सबसे पहले राहुल गांधी को इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि वह भी इसी चुनाव के जरिए सांसद बने हैं। संबित पात्रा ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले ही ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बन गई थीं। वह भी चुनाव आयोग द्वारा कराए गए चुनाव से ही बार-बार मुख्यमंत्री बनी हैं, उन्हें भी इस्तीफा देना चाहिए।
संबित पात्रा ने कहा कि चुनाव आयोग ने विपक्ष के सभी आरोपों के जवाब दे दिए हैं। इसके बावजूद विपक्ष के लोग हंगामा कर रहे हैं और फिजूल के मुद्दे बना रहे हैं। ये लोग चाहते हैं कि देश में अशांति हो जाए और देश के लोग सड़कों पर आ जाएं, लेकिन देश की जनता समझदार है।
घुसपैठियों को नागरिक बनाने की कोशिश
संबित पात्रा ने कहा कि वह भी राजनीति कर रहे हैं और उन्हें पता है कि किस तरह अपात्र लोगों के नाम मतादाता सूची में शामिल कराए जा रहे हैं। बिहार में भी बड़ी संख्या में घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में शामिल कराने की कोशिश की जा रही है। इसी वजह से चुनाव आयोग पर दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा की जा रही यात्राओं से कुछ नहीं होने वाला है। यह निराशाजनक है कि चारा चोर और देश की हर चीज चुराने वाला परिवार एक संवैधानिक संस्था पर चोरी का आरोप लगा रहा है। कल चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बिंदुवार तकनीकी खंडन किया। विपक्ष देश में अराजकता का माहौल बनाना चाहता है और इसलिए इसका राजनीतिक लाभ उठाना चाहता है।”
गांधी परिवार ने हर संस्था पर हमला किया
भाजपा सांसद ने कहा, “देश में कोई भी संवैधानिक संस्था ऐसी नहीं है जिस पर कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी, गांधी परिवार और उनके आसपास की हर वंशवादी पार्टी ने हमला न किया हो। ये वही लोग हैं, जिन्होंने अयोध्या राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने पर सुप्रीम कोर्ट पर उंगली उठाई थी। इन्होंने भारतीय सेना प्रमुख को गुंडा तक कहा, सेना पर हमला किया और ऑपरेशन सिंदूर और एयर स्ट्राइक के बाद सबूत मांगे। ये प्रधानमंत्री की कुर्सी को सिंहासन समझते हैं, जो इनका जन्मसिद्ध अधिकार है। यह कोई विरासत नहीं है, यह सेवा से अर्जित की जाती है।”