सोने-चांदी में आज मच गया शोर, भाव जोरदार उछले, खरीदारी से पहले यहां नोट करें लेटेस्ट रेट


वैश्विक घटनाक्रम के चलते सोने की कीमतों में बीते कुछ दिनों से नरमी का रुख देखा जा रहा है। - India TV Paisa

Photo:PEXELS वैश्विक घटनाक्रम के चलते सोने की कीमतों में बीते कुछ दिनों से नरमी का रुख देखा जा रहा है।

राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को सोने की कीमतों में ₹600 की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे 10 ग्राम सोने का भाव ₹1,00,620 तक पहुंच गया। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक, थोक खरीदारों द्वारा की गई ताजा मांग के चलते ये तेजी आई है। बुधवार को 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹1,00,020 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। पीटीआई की खबर के मुताबिक, गुरुवार को 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत ₹500 बढ़कर ₹1,00,200 प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) हो गई, जो पिछले सत्र में ₹99,700 थी।

क्यों बढ़े सोने के दाम?

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी विश्लेषक सॉमिल गांधी ने बताया कि बुधवार को कीमतें तीन हफ्ते के निचले स्तर पर थीं, जिसके बाद निवेशकों ने ‘बर्गेन बायिंग’ यानी सस्ती दरों पर खरीदारी शुरू की। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेफ हेवन डिमांड में भी बढ़ोतरी देखी गई। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व के एक गवर्नर से इस्तीफे की मांग के बाद अमेरिकी सेंट्रल बैंक की स्वतंत्रता को लेकर चिंता बढ़ी है, जिससे डॉलर कमजोर हुआ और सोने को समर्थन मिला।

चांदी की कीमतों में ₹1,500 की तेजी

चांदी की कीमत में भी गुरुवार को जोरदार उछाल देखा गया। इसकी कीमत ₹1,500 बढ़कर ₹1,14,000 प्रति किलोग्राम (टैक्स सहित) पहुंच गई, जबकि बुधवार को यह ₹1,12,500 प्रति किलो पर थी।

कैसा है ग्लोबल मार्केट का हाल

न्यूयॉर्क में स्पॉट गोल्ड की कीमत 0.28% गिरकर USD 3,339.04 प्रति औंस रही। स्पॉट सिल्वर भी 0.32% लुढ़ककर USD 37.78 प्रति औंस पर आ गई। कोटक सिक्योरिटीज की AVP (कमोडिटी रिसर्च) कायनात चैनवाला ने कहा कि निवेशक अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं, जिनमें जॉबलेस क्लेम्स, पीएमआई और हाउस सेल्स के आंकड़े शामिल हैं। इसके अलावा, सभी की नजर जैक्सन होल सिम्पोजियम में फेड चेयर जेरोम पॉवेल के भाषण पर है। 

पिछले साल की तरह, अगर इस बार भी मौद्रिक नीति में नरमी के संकेत मिलते हैं, तो सोने की कीमतों में और तेजी देखी जा सकती है। फेड की जुलाई बैठक के मिनट्स से भी संकेत मिलता है कि महंगाई और रोजगार को लेकर अभी भी सतर्कता बरती जा रही है और ब्याज दरों में कटौती की संभावना फिलहाल कम है।

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