
दाल को कैसे भिगोना चाहिए?
प्रोटीन रिच दाल खाने से आपके शरीर को ढेर सारे फायदे मिल सकते हैं। लेकिन कभी-कभी कुछ दालों का सेवन करने के बाद ब्लोटिंग या फिर गैस की समस्या हो जाती है। अगर आप सही तरीके से दाल को नहीं भिगोते हैं, तो आपको दाल खाने के बाद पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए आपको भी दाल को भिगोने के तरीके के बारे में जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए।
बिना छिलके की दालों को कैसे भिगोना चाहिए?
बिना छिलके की दालों में लाल मसूर, मूंग दाल और अरहर दाल को शामिल किया जा सकता है। आपको बिना छिलके वाली लाल मसूर, मूंग दाल और अरहर दाल को कम से कम 30 मिनट यानी आधे घंटे तक पानी में भिगोकर रखना चाहिए। वहीं, छिलके वाली दालों को लगभग 2-4 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखना चाहिए।
साबुत दालों को भिगोने का तरीका
साबुत दालों को ज्यादा देर तक पानी में भिगोना जरूरी होता है। अगर आप साबुत दाल बना रहे हैं, तो उसे 6 से 8 घंटे पानी में जरूर भिगोकर रखें। टूटी हुई चना दाल को कम से कम 2 से 4 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखना चाहिए। अगर आप इस तरह से दालों को भिगोते हैं, तो पेट से जुड़ी समस्याओं के खतरे को कम किया जा सकता है।
राजमा-छोले को कैसे भिगोना चाहिए?
पुराने जमाने से राजमा और छोले को रात भर पानी में भिगोने की सलाह दी जाती है। पेट से जुड़ी समस्याओं के खतरे को कम करने के लिए आप इन्हें बनाते समय एक तेज पत्ता, मोटी इलायची और दो लौंग की कली का इस्तेमाल कर सकते हैं। सभी दालों को बनाते समय हींग, जीरा और अदरक का तड़का लगाएं। अगली बार दाल बनाते समय इन छोटी-छोटी टिप्स को जरूर याद रखें।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।