बिहार का ‘रॉबिनहुड’ Ex-MP, जिससे प्रेरित था HIT फिल्म के विलेन का किरदार, IMDb पर भी जलवा


Movies- India TV Hindi
Image Source : YOUTUBE/SCREEN GRAB FROM BO YAADEIN
प्रतिघात का एक सीन।

‘गंगाजल’ से लेकर ‘अपहरण’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘आंखें’ और ‘राजनीति’ सहित कई फिल्में हैं जो देश की राजनीति और बाहुबली नेताओं की जिंदगी की झलक दिखाती हैं। सिर्फ हिंदी ही नहीं, साउथ से लेकर भोजपुरी सिनेमा में भी बाहुबलियों की छवि को ग्लोरिफाई करती कई फिल्में बनी हैं। लेकिन, क्या आप 1987 की उस स्मॉल बजट फिल्म के बारे में जानते हैं, जिसके विलेन का किरदार बिहार के ‘रॉबिनहुड’ पूर्व सांसद काली प्रसाद पांडे से प्रेरित था। 1987 में रिलीज हुई ये फिल्म और कोई नहीं बल्कि ‘प्रतिघात’ है।

कौन थे काली प्रसाद पांडे?

बिहार की राजनीति हमेशा से लोगों के आकर्षण का केंद्र रही है। बिहार में कई बाहुबली नेता हुए, जिन्होंने जनता के बीच अपनी पैठ बनाई और लंबे समय तक अपने क्षेत्र में राज किया। इन्हीं बाहुबली नेताओं में से एक गोपालगंज के पूर्व सांसद काली प्रसाद पांडे भी थे, जिनका शुक्रवार को निधन हो गया। 1980 के दशक में उत्तर भारतीय राजनीति पर छाए रहने वाले कद्दावर नेता पूर्व सांसद काली प्रसाद पांडे ने शुक्रवार शाम दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आखिरी सांस ली।

रॉबिनहुड के नाम से मशहूर थे काली प्रसाद पांडे

80-90 के दशक में काली प्रसाद पांडे का नाम बिहार के सबसे ताकतवर नेताओं में लिया जाता था। उस दौर में काली पांडेय को ‘रॉबिनहुड’ भी कहा जाता था। अब उनके निधन के बाद अचानक से 1987 में आई फिल्म ‘प्रतिघात’ की भी चर्चा शुरू हो गई है, जिसे लेकर कहा जाता है कि फिल्म के विलेन का किरदार काली प्रसाद पांडे से ही प्रेरित था।

नारीवादी फिल्म है प्रतिघात

साल 1987 में रिलीज हुई ‘प्रतिघात’ हिंदी फेमिनिस्ट ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन एन. चंद्रा ने किया है। इस फिल्म में सुजाता मेहता लीड रोल में नजर आई थीं। ये फिल्म टी. कृष्णा द्वारा निर्देशित 1985 में रिलीज हुई तेलुगु फिल्म प्रतिघातना की रीमेक थी, जिसमें विजयशांति मुख्य भूमिका में थीं। कहते हैं कि फिल्म निर्माता एन. चंद्रा ने ये फिल्म काली प्रसाद पांडे के आतंक और प्रभाव से प्रभावित होकर बनाई थी।

क्या है प्रतिघात की कहानी?

प्रतिघात की कहानी राजनीति और अपराधियों के के गठजोड़ और एक कॉलेज लेक्चरर के इर्द-गिर्द घूमती है। ये फिल्म राजनीति और क्राइम को बड़े पर्दे पर लेकर आती है। इस फिल्म में दिखाया गया कि कैसे एक शहर का डॉन राजनीति और अपराध का खेल खेलता है। फिल्म की कहानी का सबसे अहम मुद्दा था रेप और इसका बदला। जिस अंदाज में कॉलेज लेक्चरर अपने साथ हुए अन्याय का बदला लेती है, वह इस फिल्म को कभी भी न भूल पाने वाला बनाती है। फिल्म में जिस निर्दयी ‘काली प्रसाद’ का चरित्र था, कहा जाता है कि वह काली प्रसाद पांडेय से ही प्रेरित था। हालांकि मेकर्स ने कभी इसकी पुष्टि नहीं की, लेकिन खुद काली प्रसाद पांडे का मानना था कि ये किरदार उनसे प्रेरित था।

प्रतिघात के कलाकार

प्रतिघात के कलाकारों की बात करें तो इसमें नाना पाटेकर, सुजाता मेहता, चरण राज, अरविंद कुमार, अशोक सराफ, दिलीप जोशी और ऊषा नाडकर्णी जैसे दिग्गज कलाकारों की टोली थी। 1987 में रिलीज हुई ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई थी और डायेरक्टर के हिट हैट्रिक का भी हिस्सा थी। 2. 44 घंटे वाली इस फिल्म को आईएमडीबी पर 7 रेटिंग मिली है।

Latest Bollywood News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *