जालिम मां के जुल्मों की शिकार बच्ची, गरीबी दूर करने के लिए बनी एक्ट्रेस, राज कपूर की फिल्म ने दिलाई थी पहचान


baby naaz- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/@TIMELESSINDIANMELODIES
बेबी नाज उर्फ सलमा बेग।

बॉलीवुड में ऐसे कई मशहूर कलाकार हैं, जिन्होंने मनोरंजन जगत में छोटी उम्र से ही अपने करियर की शुरुआत कर दी थी। बाल कलाकार के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले इन कलाकारों ने दर्शकों के दिल पर ऐसी छाप छोड़ी की आज भी याद किए जाते हैं। इन्हीं में से एक हैं बेबी नाज, उर्फ सलमा बेग जिन्होंने मात्र 4 साल की उम्र में फिल्मी दुनिया में कदम रख दिए थे। एक समय था जब बेबी नाज अपनी दमदार स्क्रीन प्रेजेंस और असाधारण प्रतिभा के साथ बॉलीवुड की सबसे प्रिय और सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बाल कलाकारों में से एक बन गई थीं।

मां के जुल्मों का हुईं शिकार

सिनेमा की दुनिया में सबसे मशहूर और टॉप चाइल्ड एक्ट्रेस के तौर पर पहचानी जाने वालीं कुमारी नाज का बचपन सिर्फ गरीबी ही नहीं, मां के जुल्मों से भी भरा रहा। उनके दिल में कितना दर्द था, ये उन दिनों कोई नहीं जानता था। कहते हैं, बेबी नाज की मां एक खुदगर्ज महिला थीं, उन्होंने न तो अपने पति का सम्मान किया और न ही इकलौती बेटी सलमा यानी बेबी नाज की। जिस उम्र में उन्हें अपनी बच्ची को दुलार देना था, वह किसी भी तरह उसे फिल्मी लाइन में घुसा देना चाहती थीं, ताकि वह पैसे कमाए और उनकी कोशिश रंग भी लाई।

1952 में ‘रेशम’ से किया डेब्यू

जाने-माने प्रोड्यूसर-डारेक्टर मनोज कुमार के रिश्तेदार लेखराज भाखड़ी ने 1952 में रेशम में सलमा को बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कास्ट किया और इसी फिल्म के साथ सलमा का नाम बेबी नाज हो गया। इस फिल्म में उन्होंने सुरैया के बचपन का रोल निभाया था। देखते ही देखते बेबी नाज का करियर चल निकला और उन्हें बाल कलाकार के तौर पर खूब काम मिला। 1954 में आई बूट पॉलिश ने तो उनकी लोकप्रियता को शिखर पर पहुंचा दिया। उनके पास इतना काम था कि उन्हें अलग-अलग शिफ्ट में काम करना पड़ता था। एक साथ चार-पांच फिल्मों की शूटिंग करती थीं, लेकिन दूसरी तरफ उनकी मां थीं जिन्हें सिर्फ उनकी कमाई से मतलब था। पैसों के लालच में उनसे बिना सोचे-समझे काम कराया जाता था।

जब बेबी नाज ने अपनी जान देने की कोशिश की

काम के दवाब और घरवालों के प्रेशर से बेबी नाज इतना परेशान रहने लगीं कि उन्होंने अपनी जान देने तक की कोशिश की, लेकिन किसी तरह उनकी जान बचा ली गई और मां ने बेटी को हौसला देने की जगह उसकी पिटाई कर दी। एक समय था जब राज कपूर बेबी नाज को स्विस स्कूल में ट्रेनिंग के लिए भेजना चाहते थे, लेकिन बेबी नाज की मां ने उन्हें नहीं जाने दिया। उनके मन में ये ख्याल था कि अगर बेटी चली गई तो पैसे कौन कमाएगा। नाज जैसे-जैसे बड़ी होने लगीं, उनकी मां ने उन्हें फिल्मों में बतौर हीरोइन काम दिलाने की कोशिश शुरू कर दी। लेकिन, उनकी कोशिश नाकाम रही।

राज कपूर के कजिन सुब्बाराज से की शादी

कुमारी नाज को अपनी मां के जुल्मों से तब आजादी मिली, जब उन्होंने 1963 में राज कपूर के कजिन और एक्टर सुब्बाराज से शादी कर ली। नाज की मां उनके इस फैसले से काफी नाराज थीं, लेकिन नाज अपनी मां से नहीं डरीं और सुब्बाराज से शादी करके अपना धर्म भी बदल लिया और नाज से अनुराधा बन गईं। हालांकि, उन्हें हमेशा कुमारी नाज उर्फ बेबी नाज के नाम से ही जाना गया। इस शादी से उनके दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी हुई, जिन्हें उन्होंने हमेशा फिल्मों से दूर रखा। धीरे-धीरे करके उन्होंने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया और डबिंग आर्टिस्ट बन गईं।

कैंसर से गई जान

एक दिन उनके पेट में दर्द उठा, उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो पता चला कि उन्हें लिवर कैंसर है। सुब्बाराज ने उनका काफी इलाज कराया, लेकिन उनकी स्थिति दिन पर दिन गंभीर होती गई और आखिरकार 19 अक्तूबर 1995 को उन्होंने 51 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

Latest Bollywood News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *