
साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज की टीम
महिला दिल्ली प्रीमियर लीग 2025 की फाइनल मुकाबला साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज और सेंट्रल दिल्ली क्वींस की टीम के बीच खेला गया, जिसमें दिल्ली सुपरस्टार्ज की टीम ने एक रन से बाजी मार ली और सांसें रोक देने वाले फाइनल मुकाबले को जीतकर खिताब अपने नाम कर लिया। दिल्ली सुपरस्टार्ज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कुल 121 रन बनाए। इसके बाद सेंट्रल दिल्ली क्वींस की टीम 120 रन बना पाई।
कप्तान श्वेता सहरावत ने बनाए सबसे ज्यादा 34 रन
भले ही फाइनल मुकाबले में दोनों टीमों की तरफ से ज्यादा रनों की बरसात देखने को नहीं मिली। लेकिन लो स्कोरिंग मैच में गेंदबाजों ने अच्छा खेल दिखाया। साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज की टीम के लिए श्वेता सहरावत ने 24 गेंदों में 34 रन बनाए, जिसमें दो चौके और दो छक्के शामिल रहे। उनके अलावा तनिषा सिंह ने 23 गेंदों में 28 रन बनाए। ओपनर शिवी शर्मा ने 29 रनों का योगदान दिया। इन प्लेयर्स की वजह से ही टीम 100 रनों के स्कोर के पार पहुंची। निधी महतो, प्रिया मिश्रा और साची ने दो-दो विकेट अपने नाम किए।
सेंट्रल दिल्ली क्वींस की शुरुआत रही खराब
इसके बाद छोटे टारगेट का पीछा करने उतरी सेंट्रल दिल्ली क्वींस की टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। जब सोनिया खत्री सिर्फ एक बनाकर दिशा नागर की गेंद पर आउट हो गईं। इसके बाद दीक्षा शर्मा (23 रन) और साची (17 रन) ने कुछ देर विकेट पर टिकने की कोशिश की। लेकिन ये प्लेयर्स भी बड़ी पारियां नहीं खेल पाईं। मोनिका ने 28 गेंदों में 33 रन बनाए, जिसमें दो चौके और एक छक्का शामिल रहा। कप्तान सोनी यादव (6 रन) और निधी महतो (2 रन) बुरी तरह से फ्लॉप रहीं और उनके बल्ले से रन नहीं निकले। रिया शौकीन ने 28 रन बनाए, लेकिन वह अपनी टीम को जीत नहीं दिला पाईं। निर्धारित 20 ओवर्स के बाद टीम 8 विकेट के नुकसान पर 120 रन ही बना पाई।
गेंदबाजों ने दिखाया दम
मेधवी बिधूरी ने कमाल की गेंदबाजी की और उन्होंने तीन ओवर में 26 रन देकर तीन अहम विकेट चटकाए। हिमकाशी चौधरी ने दो विकेट हासिल किए और चार ओवर में सिर्फ 18 रन दिए। दिशा नागर, श्वेता सहरावत, तनिषा सिंह ने एक-एक विकेट अपने नाम किया। इन प्लेयर्स की वजह से ही सेंट्रल दिल्ली क्वींस की टीम टारगेट चेज नहीं कर पाई।
यह भी पढ़ें:
मोहम्मद रिजवान बने अपनी टीम के सबसे बड़े विलेन, CPL में भी नहीं चल रहा है बल्ला
एशिया कप के इतिहास में सिर्फ 2 पाकिस्तानी कप्तान ही जीत पाए ट्रॉफी, 13 साल से खाली हाथ है टीम