
डॉक्टर संजय निषाद
गोरखपुर: यूपी में बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी के मुखिया और योगी सरकार में मंत्री डॉक्टर संजय निषाद के आज बागी तेवर दिखाई दिए हैं। संजय निषाद ने आज गोरखपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम भाजपा के सहयोगी दल हैं। सुभासपा, अपना दल, निषाद पार्टी और रालोद। अगर भाजपा को हम पर भरोसा है कि हम अपने समाज को सही दिशा में ले जा रहे हैं और इसका राजनीतिक लाभ भाजपा को मिल रहा है, तो यह रिश्ता आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन अगर यह भरोसा नहीं है तो साफ कह दें और गठबंधन खत्म कर दें।”
संजय निषाद ने और क्या कहा?
संजय निषाद ने कहा, “किसी को इस बात का घमंड नहीं होना चाहिए कि उत्तर प्रदेश की जीत केवल भाजपा की थी। ये जीत सभी सहयोगी दलों के योगदान से मिली। 2022 के चुनाव में जब रालोद और राजभर भाई समाजवादी पार्टी से जुड़े तो समाजवादी पार्टी की संख्या 45 से बढ़कर 125 हो गई थी। बाकी आप समझदार हैं।”
संजय निषाद ने कहा, “निषाद पार्टी की जड़ें गोरखपुर से निकलीं, पर कुछ नेता इसे बदनाम करने में लगे हैं। आरक्षण देना भाजपा की जिम्मेदारी है, सहयोगी के तौर पर हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। त्रेता से ही हम प्रभु श्रीराम की विचारधारा से जुड़े हैं और आगे भी जुड़े रहेंगे। संजय निषाद के विरोध में जिन्हें सांसद और सुरक्षा मिली, उन्होंने समाज का आरक्षण कितनी बार उठाया? अगर भरोसा है तो गठबंधन निभाइए, नहीं है तो साफ कह दीजिए, हम तैयार हैं। सहयोगियों की ताकत को कम मत आंकिए, जीत अकेले की नहीं, सबकी साझी है। प्रवीण की हार पर सवाल हमसे नहीं, भाजपा नेतृत्व की रिपोर्ट से पूछिए।”
गोरखपुर और प्रदेश के कुछ नेता लगातार पार्टी और मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे: संजय निषाद
संजय निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी की नींव गोरखपुर से रखी गई है, लेकिन अफसोस की बात है कि गोरखपुर और प्रदेश के कुछ नेता लगातार पार्टी और मेरी छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरक्षण का निर्णय भारतीय जनता पार्टी को लेना है, क्योंकि केंद्र और राज्य दोनों जगह उनकी ही सरकार है, और निषाद पार्टी भाजपा की सहयोगी है। केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों ही स्तर पर इस मुद्दे पर सकारात्मक पहल हो रही है। मगर कुछ तथाकथित निषाद नेता समाज और पार्टी को गुमराह कर केवल कड़वाहट फैलाने का काम कर रहे हैं।
निषाद ने कहा, “अगर वास्तव में निषाद समाज के लिए संघर्ष की भावना है तो इंपोर्टेड नेता और भाजपा के निषाद नेता आरक्षण के मुद्दे पर विधानसभा का घेराव करें। मैं उनके साथ और पीछे चलने के लिए तैयार हूं। यदि वे ऐसा नहीं करते तो यह माना जाएगा कि वे समाज और पार्टी के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।”