
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी।
नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने दिल्ली में आयोजित संगठन की जनरल मीटिंग में गुरुवार को सांप्रदायिकता, सरकारी नीतियों और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने मुसलमानों के सामने मौजूद चुनौतियों का जिक्र करते हुए सरकार और ‘सांप्रदायिक ताकतों’ पर निशाना साधा, साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी कि RSS के हालिया प्रस्ताव की तारीफ की। मौलाना मदनी ने जोर देकर कहा कि उनकी लड़ाई सड़कों पर नहीं, बल्कि कोर्ट में होगी।
मुसलमानों के सामने मुद्दों का अंबार
मौलाना मदनी ने कहा, ‘मुसलमानों के सामने एक-दो मसले नहीं, बल्कि मुद्दों का अंबार है। मुल्क की आजादी के बाद सांप्रदायिक मानसिकता को मौका मिला और मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाया गया। जमीयत उलेमा-ए-हिंद सबसे पहले इसके खिलाफ सामने आई थी। हम सांप्रदायिक ताकतों से सड़कों पर नहीं लड़ेंगे, क्योंकि यह देश के लिए सही नहीं है। हमारी लड़ाई उस सरकार से है, जो इन ताकतों को खुला छोड़ रही है।’
असम के CM पर बोला तीखा हमला
मौलाना मदनी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘असम के मुख्यमंत्री ने हमेशा कांग्रेस की रोटियां तोड़ीं, लेकिन उनकी मानसिकता RSS की रही। हमने सोनिया गांधी से कहा था कि हिमंता को टिकट न दें। मैंने उन्हें खत भी लिखा था, लेकिन टिकट दिया गया। आज उन्होंने असम में कांग्रेस की नीतियों में आग लगा दी है। 50 हजार मुसलमानों को उजाड़ दिया गया और उन्हें जमीन नहीं दी गई। ऐसी ही आबादी हिंदुओं की भी है, लेकिन उन्हें हाथ नहीं लगाया जाता। हम इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।’
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा।
NRC के मुद्दे पर मदनी ने जताई चिंता
मौलाना मदनी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के मुद्दे पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘NRC का मुद्दा फिर उठ रहा है। 1971 को नागरिकता का आधार वर्ष माना गया है, लेकिन सरकार इसे बदलने की कोशिश कर रही है। हमने इरादा किया है कि इस मसले पर हम फिर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हम मदरसों के मसले पर सुप्रीम कोर्ट गए थे। कोर्ट ने हमें हाई कोर्ट जाने को कहा। वहां मामला चल रहा है और हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे हक में होगा।’ मदनी ने यह भी स्पष्ट किया कि हर छोटे-बड़े मसले पर कोर्ट जाना संभव नहीं है, लेकिन जब कोई सरकारी संस्था संविधान के खिलाफ जाएगी, तब जमीयत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
उदयपुर फिल्म विवाद पर भी बोले
उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ के बारे में बोलते हुए मौलाना मदनी ने कहा, ‘नया मसला एक फिल्म का उठा, जिसका मकसद हमारे मजहब को गलत तरीके से दिखाना था। हम कोर्ट गए और फिल्म में 6 कट लगाए गए। बाद में सरकार ने फिल्म को रिलीज की इजाजत दी, लेकिन हम फिर कोर्ट गए और लगभग 60 कट लगवाए। यह इसलिए हुआ क्योंकि फिल्म में हमारे मजहब को गलत तरीके से पेश किया गया था।’
डॉ. मोहन भागवत।
RSS और मोहन भागवत की तारीफ
मौलाना मदनी ने RSS के 100 साल पूरे होने पर उनके प्रस्ताव की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘RSS ने अपनी कमेटी में जो प्रस्ताव रखा, वह हमें अच्छा लगा। अगर हिंदू-मुस्लिम के साथ आने की बात हो, तो हम RSS के खिलाफ नहीं हैं।’ उन्होंने बताया कि 8 साल पहले उनकी मुलाकात RSS प्रमुख मोहन भागवत से हुई थी और उन्होंने यही बात कही थी। उन्होंने कहा कि अगर आगे मौका मिला, तो फिर मिलेंगे। काशी और मथुरा के मंदिर विवाद पर मौलाना मदनी ने कहा, ‘इस मामले में हमारा नजरिया 1991 का वर्शिप एक्ट है।’ तीन बच्चों के कानून पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘जिसकी जितनी मर्जी हो, वह करे।’
संविधान और इतिहास पर जताया गर्व
मौलाना मदनी ने भारत में मुसलमानों के ऐतिहासिक योगदान का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारत में मुसलमान हजार साल से ज्यादा समय से रह रहे हैं। केरल से कश्मीर तक, हर बिरादरी में हिंदू भी हैं और मुसलमान भी। हमारा इतिहास तुमसे ज्यादा अच्छा है।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि जमीयत सड़कों पर हिंदू-मुस्लिम तनाव नहीं चाहती, बल्कि संवैधानिक तरीके से कोर्ट में अपनी लड़ाई लड़ेगी।