
आर्मी और बीएसएफ के कई कैंप्स में घुसा पानी
पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में आई भयंकर बाढ़ ने तबाही मचा दी है। पंजाब के आठ जिले- पठानकोट, गुरदासपुर, फजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर इस समय बाढ़ की चपेट में हैं। खेत, घर, सड़कें और राजमार्ग सब पानी में डूब चुके हैं। कई गांवों में तो मकान टापू की तरह नजर आ रहे हैं।
हालात को देखते हुए आर्मी, एयरफोर्स, बीएसएफ और एनडीआरएफ की टीमें बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चला रही हैं। एयरफोर्स के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर लगातार उड़ान भर कर लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाल रहे हैं। बॉर्डर के पास डेरा बाबा नानक का पूरा इलाका जलमग्न है, जहां भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बनी फेंसिंग भी डूब गई है। बीएसएफ की चौकियों के चारों तरफ करीब 10 फुट पानी भरा हुआ है।
बाढ़ की चपेट में सेना के कैंप्स भी
डेरा बाबा नानक में आर्मी के कैंप्स भी रावी नदी के पानी में डूब गए हैं। हेलीकॉप्टर की मदद से आर्मी के जवानों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। हालांकि, अब इस इलाके में पानी का स्तर कम हो गया है। वहीं, गुरदासपुर में तो बाढ़ के तेज बहाव में आर्मी और बीएसएफ के कई कैंप्स बह गए। एक बेहद जोखिम भरे ऑपरेशन में, इन कैंप्स में फंसे 38 आर्मी और 10 बीएसएफ जवानों को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया।
कलानौर गांव में रेस्क्यू ऑपरेशन
डेरा बाबा नानक के कलानौर गांव में एक स्कूल में करीब 40 मजदूर और ग्रामीण फंस गए थे, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे। आर्मी और एनडीआरएफ ने एक सफल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर इन सभी को सुरक्षित बाहर निकाला। बचाए गए लोगों ने बताया कि बाढ़ का पानी घरों की दूसरी मंजिल तक पहुंच गया था और अगर कुछ घंटे और वे फंसे रहते तो उनकी जान बचाना मुश्किल था।
गुरदासपुर और फिरोजपुर में हालात
गुरदासपुर के बॉर्डर वाले इलाकों और फिरोजपुर में हालात बेकाबू हैं। गुरदासपुर के मकोड़ा पत्तन इलाके में रावी का पानी स्टेट हाईवे पर आ गया है, जिससे सड़क कहीं दिखाई नहीं दे रही है। आर्मी की टीमें नावों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही हैं और चिनूक हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों तक खाने-पीने का सामान पहुंचाया जा रहा है।
रेस्क्यू में आर्मी का विशेष वाहन
पंजाब के लोगों को बचाने के लिए सेना ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। अमृतसर में सेना ने ATORN-1200 नाम के अपने विशेष मोबिलिटी वाहन को भी बचाव कार्य में उतारा। यह वाहन जमीन, पानी, बर्फ, रेगिस्तान, और दलदल जैसे मुश्किल इलाकों में आसानी से चल सकता है। यह पानी में तैर भी सकता है। एक बार में इसमें 9 लोग बैठ सकते हैं। रामदास इलाके में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना ने तीन ऐसे वाहनों का इस्तेमाल किया, साथ ही नावों से भी लोगों को बाहर निकाला गया।
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