यमुना में उफान से नोएडा-गाजियाबाद में बाढ़ का खतरा, एडवाइजरी जारी; UP के इन जिलों में कल स्कूलों की छुट्टी


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यमुना नदी उफान पर।

यूपी में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के कारण कल मुजफ्फरनगर के कक्षा एक से कक्षा 8वीं तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार ने आदेश जारी कर कहा है कि जनपद में हो रही लगातार भारी वर्षा के कारण छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के दृष्टिगत जनपद में संचालित नर्सरी से कक्षा 8 तक के सभी परिषदीय, राजकीय मान्यता प्राप्त अशासकीय सहायता प्राप्त, सीबीएससी, आईसीएससी और अन्य समस्त बोर्डों के स्कूलों में 02/09/2025 को अवकाश घोषित किया गया है।

मेरठ में भी स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। कल कक्षा 8 तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे। ये नियम सभी बोर्डों के स्कूलों पर लागू होगा।

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मुजफ्फरनगर में अवकाश घोषित।

लगातार बढ़ रहा यमुना का जलस्तर

वहीं, दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और मंगलवार शाम तक इसके 206 मीटर के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसके मद्देनजर प्राधिकारियों ने बाढ़ क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की सलाह दी है। साथ ही गाजियाबाद और नोएडा में अलर्ट जारी किया गया है। दोनों जिलों के प्रशासन ने यमुना नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए एडवाइजरी जारी की है।  

हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा पानी 

बता दें कि हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण सोमवार अपराह्न 12 बजे पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 204.87 मीटर तक पहुंच गया। दिल्ली के लिए चेतावनी का निशान 204.50 मीटर और खतरे का निशान 205.33 मीटर है और जलस्तर 206 मीटर पहुंचने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया जाता है।

बाढ़ से बचाव को लेकर एडवाइजरी जारी

नोएडा की डीएम मेधा रूपम के निर्देशों के क्रम में एवं अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार के निर्देशन में जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी ने बताया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बाढ़ से बचाव हेतु बिंदुवार एडवाइजरी जारी की गई है ताकि जन सामान्य प्रशिक्षित रहे सुरक्षित रहे।

1. अचानक बाढ़ आने वाले क्षेत्र से दूर रहे। 


2. पक्के मकान के अंदर सुरक्षित आश्रय लेन

3. अस्थायी और असुरक्षित संरचनाओं को ठीक से सुरक्षित किया जाना चाहिए या खाली कर दिया जाना चाहिए। 

4. बिजली व्यवस्था का बैकअप प्लान बनाना चाहिए। 

5. यातायात में अपेक्षित देरी से बचने के लिए पूर्व योजना बनाएं। 

6. नालों और मौसमी वर्षा आधारित जल्द धाराओं से दूर रहें।

7. तेज बारिश के दौरान फिसलन भरी सड़क और खराब दृश्यता की स्थिति में वाहन चलाते समय सावधानी बरतें एवं बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में वाहन न चलाएं।

8. ओवर फ्लो पूलो और जलमग्न अंडरपास से बचें।

9. प्रायः यह देखा जा रहा है कि जल भराव की स्थिति में लोग जल भराव में जाते हैं एवं बच्चे खेलने के लिए जाते हैं, जो अत्यंत खतरनाक है। बाढ़ के पानी में प्रवेश करने से बचे। बच्चों को बारिश में नहाने एवं बाहर या छतो पर खेलने व नहाने से रोके।

10. कंक्रीट के फर्श पर न लेटे एवं कंक्रीट की दीवारों के सामने न झाके।

11. बिजली संचालित करने वाली सभी वस्तुओं एवं उपकरणों से दूर रहें। 

12. सड़कों पर जल भराव की स्थिति में पानी में न चले। 

13. आकाशीय बिजली/वज्रपात की स्थिति होने पर पेड़ों के नीचे, बिजली के खंभों के पास एवं खुले स्थानों में रहने से बचें। साथ ही सुरक्षित स्थानों पर आश्रय ले।

14. उबले हुए पानी या क्लोरीन युक्त पानी का सेवन करें। 

नाव दुर्घटना/स्वयं एवं अन्य पानी में डूब रहे लोगों को बचाव के तरीके-

1. लाइफ जैकेट पहनकर ही नाव से यात्रा करें। 

2. नाव पर प्राथमिक उपचार बॉक्स रखें। 

3. नाव पर प्लास्टिक ट्यूब, रस्सी आदि भी रखें। 

4. उचित नाव निरीक्षण और सर्वेक्षण की सुविधा के लिए मास्टर सर्वेक्षक और नाव मालिकों के बीच प्रभावी संचार का होना। 

5. जिस नाव पर 15 से 30 सवारी हो, उसमें दो नाविक व जिस नाव पर 30 से अधिक सवारी हो, उसमें तीन नाविक रखें। 





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