10 हजार रुपये लेना है तो महिलाओं को करना होगा ये काम, जानिए नीतीश सरकार के महिला रोजगार योजना का नियम


सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi
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बिहार में अगले कुछ महीनों में विधानसभा के चुनाव हैं। नीतीश कुमार अपना सरकारी खजाना जनता के लिए पूरी तरह खोल दिए हैं। सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके अनुसार, राज्य की हर महिला को स्वरोजगार शुरू करने के लिए 10,000 रुपये की प्रारंभिक सहायता दी जाएगी, बशर्ते वे जीविका दीदी स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ना होगा। 

जारी हुई इस योजना की गाइडलाइन

इस योजना के तहत 6 महीने बाद व्यवसाय की प्रगति के आधार पर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी उपलब्ध होगी। ग्रामीण विकास विभाग ने सोमवार को इस योजना की गाइडलाइन जारी करते हुए बताया कि प्रत्येक परिवार से एक महिला इस योजना का लाभ उठा सकती है। 

प्रत्येक परिवार की एक महिला को जोड़ना लक्ष्य

मालूम हो कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने 29 अगस्त को सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की थी। नीतीश कैबिनेट ने उसी दिन इसे मंजूरी दी थी। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था कि राज्य के 2.7 करोड़ परिवारों में से प्रत्येक परिवार की एक महिला को इस योजना से जोड़ा जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ना अनिवार्य

इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ना अनिवार्य है। ये समूह गांवों में 10-12 महिलाओं का समूह बनाकर बचत और छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देते हैं। पहले चरण में प्रत्येक पात्र महिला को 10,000 रुपये की प्रथम किस्त दी जाएगी। 

2 लाख रुपये तक का मिलेगा लोन

इसके बाद उनके व्यवसाय की स्थिति का आकलन कर 15,000 रुपये, 75,000 रुपये, या अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जाएगा। इन लोन पर ब्याज दर 12% प्रति साल निर्धारित की गई है, और चुकाने की अवधि क्रमशः 1, 2 और 3 साल होगी, ताकि महिलाओं पर आर्थिक दबाव न पड़े।

जानिए क्या है जीविका दीदी योजना?

बता दें कि जीविका दीदी योजना, जिसे बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (BRLPS) संचालित करती है। साल 2006 में विश्व बैंक की सहायता से ये योजना शुरू हुई थी। वर्तमान में राज्य में 10.81 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे 1.34 करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। ये समूह कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, किराना दुकान, सिलाई-कढ़ाई, और अन्य छोटे उद्योगों में सक्रिय हैं। हाल ही में जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का गठन किया गया है, जो एक बैंक की तरह कार्य करेगा और महिलाओं को सस्ते दर पर लोन प्रदान करेगा।





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