
लीना चंदावरकर।
बॉलीवुड की दुनिया में बहुत सी कहानियां हैं, कुछ चकाचौंध से भरी, कुछ दर्द में डूबी, लेकिन अगर किसी अभिनेत्री की जिंदगी इन दोनों का अनोखा संगम है तो वो हैं लीना चंदावरकर। 60 और 70 के दशक में अपनी खूबसूरती, मासूम मुस्कान और सहज अभिनय से लाखों दिलों पर राज करने वाली लीना की जिंदगी वैसी नहीं थी, जैसी पर्दे पर नजर आती थी। कैमरे के सामने जितनी चमक थी, असल जिंदगी में उतनी ही गहराई से भरा हुआ था दुख, प्रेम और पुनर्जन्म का सिलसिला। कर्नाटक के एक कोंकणी-मराठी परिवार में जन्मी लीना बचपन से ही एक्टिंग और ग्लैमर वर्ल्ड की ओर आकर्षित थीं। उन्होंने मॉडलिंग से शुरुआत की और फिर हिस्सा लिया फिल्मफेयर फ्रेश फेस ब्यूटी कॉन्टेस्ट में जहां वह विजेता बनीं। यही उनकी किस्मत का पहला मोड़ था, जिसने उन्हें मुंबई की फिल्म इंडस्ट्री तक पहुंचा दिया।
इन फिल्मों ने दिलाई पहचान
पहला ऑडिशन उन्होंने दिया सुनील दत्त की फिल्म ‘मसीहा’ के लिए, जो भले ही बन न सकी, लेकिन सुनील दत्त ने उनके टैलेंट को पहचाना और उन्हें अपनी अगली फिल्म ‘मन का मीत’ में कास्ट कर लिया। फिल्म हिट हुई और लीना चंदावरकर रातों-रात स्टार बन गईं। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में दीं। ‘हुमजोली’, ‘मेहबूब की मेहंदी’, ‘मनचली’ जैसी फिल्मों में उनकी मासूमियत और नजाकत ने दर्शकों का दिल जीत लिया। जहां करियर बुलंदियों पर था, वहीं निजी जिंदगी में लीना ने ऐसा तूफान झेला, जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी। महज 25 साल की उम्र में लीना ने सिद्धार्थ बांदोडकर से शादी की थी, जो गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बांदोडकर के बेटे थे।
लीना चंदावरकर
शादी के बाद बदली जिंदगी
शादी के बाद सब कुछ एक सपने जैसा लग रहा था। दोनों हनीमून की तैयारी कर रहे थे, घर में खुशियां थीं, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एक दिन सिद्धार्थ अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर साफ कर रहे थे कि अचानक वह चल गई। गोली लगी और सब कुछ बदल गया। सिद्धार्थ को अस्पताल ले जाया गया पर लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। शादी के महज 11 दिन बाद लीना विधवा हो गईं। इस हादसे ने लीना को तोड़कर रख दिया। अपने पति की मौत का गम तो था ही, ऊपर से रिश्तेदारों के ताने भी झेलने पड़े, उन्हें ही दोषी ठहराया जाने लगा। लीना इतनी टूट चुकी थीं कि सुसाइड तक के बारे में सोचने लगीं। एक चमकते करियर के बीच उनका जीवन अंधेरे में डूबने लगा।
फिर आया एक और मोड़ और एक अनोखा प्रेम
इसी दौर में लीना की जिंदगी में एक और बड़ा मोड़ आया किशोर कुमार की एंट्री। फिल्म ‘प्यार अजनबी है’ के सेट पर किशोर दा, लीना से बेहद प्रभावित हुए। धीरे-धीरे ये लगाव प्रेम में बदल गया। किशोर कुमार ने लीना को प्रपोज किया, लेकिन वह मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार नहीं थीं। पर किशोर दा हार मानने वालों में से नहीं थे। कहते हैं, उन्होंने लीना के घर के बाहर बाकायदा धरना दे दिया। आखिरकार लीना मान गईं, लेकिन उनके पिता को इस रिश्ते पर ऐतराज था। वजह साफ थी किशोर पहले ही तीन बार शादी कर चुके थे और लीना से 20 साल बड़े थे। फिर भी किशोर ने उनका भरोसा जीता और आखिरकार परिवार की सहमति से दोनों ने शादी की।
बेटे के साथ लीना और किशोर कुमार।
जब लीना 9 महीने की प्रेगनेंट थीं
यह शादी भी अलग ही अंदाज में हुई। लीना ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने किशोर दा से दो बार शादी की थी, पहली बार कोर्ट मैरिज और दूसरी बार वैदिक रीति से। उनकी मां की इच्छा थी कि बेटी पूरी तरह से सात फेरे ले, तभी शादी पूरी मानी जाएगी। खास बात ये रही कि जब लीना किशोर के साथ सात फेरे ले रही थीं, उस वक्त वह 9 महीने की गर्भवती थीं। उन्होंने बताया, ‘जब पंडित मंत्र पढ़ रहे थे, मैं बीच-बीच में बैठ जाती थी क्योंकि मैं संभाल नहीं पा रही थी। लेकिन माँ की जिद थी, तो मैंने पूरे फेरे लिए।’ उनके बेटे सुमित कुमार का जन्म हुआ, जो आज खुद एक म्यूजिक डायरेक्टर हैं और पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
फिर से टूटा दुखों का पहाड़
जीवन ने एक बार फिर उन्हें झटका दिया। 1987 में किशोर कुमार की मौत हो गई और लीना फिर से विधवा हो गईं। इस बार 37 साल की उम्र में उन्होंने अपने पति को खोया। दो-दो बार अपने जीवनसाथी को खोना… शायद किसी के लिए भी यह दुख सहना आसान नहीं होता। आज लीना लाइमलाइट से दूर हैं। वह अपने बेटे सुमित और किशोर कुमार के पहले बेटे अमित कुमार के साथ परिवार में समय बिताती हैं। अब वह गिने-चुने इवेंट्स में ही दिखाई देती हैं, लेकिन उनकी कहानी हमेशा एक मिसाल की तरह रहेगी कि कैसे एक औरत, तमाम दुखों को सहकर, फिर भी जिंदगी से हार नहीं मानती।