सुप्रीम कोर्ट ने भारी बारिश और बाढ़ के मामले में की सुनवाई, इन 4 राज्यों को जारी किया नोटिस


supreme court flood rain- India TV Hindi
Image Source : PTI
बारिश और बाढ़ के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई।

भारत के कई राज्यों में इस वक्त भारी बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड आदि की घटनाओं ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई मैदानी और पहाड़ी राज्यों में हालात खराब हैं और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। अब बारिश, बाढ़ के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर हुई है जिसपर गुरुवार को सुनवाई हुई। मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 4 राज्यों को नोटिस जारी किया है। 

इन राज्यों को नोटिस जारी

पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में आई हालिया भारी बारिश और बाढ़ को लेकर दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इन राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि हमने अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ देखी है। कोर्ट ने इस मामले में तीन हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करनो को कहा है।

विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन जरूरी- CJI

सीजेआई गवई ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा- “हमने अभूतपूर्व बारिश और बाढ़ देखी है। इस पर पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस जारी किया जाता है। प्राथमिक तौर पर यह दिख रहा है कि बड़े पैमाने पर अवैध कटान हुआ है। इस पर तीन हफ्ते में जवाब दाखिल किया जाए। मीडिया रिपोर्ट्स में हिमाचल से बड़ी संख्या में लकड़ी के लट्ठे बहते हुए दिखाए गए हैं। यह गंभीर मामला है। हम पंजाब की तस्वीरें देख रहे हैं, जहां पूरे खेत और गांव तबाह हो गए हैं। विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन जरूरी है।”

‘हमने प्रकृति के साथ इतनी छेड़छाड़ की है कि…’

सीजेआई ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा है कि यह बेहद गंभीर मामला है। सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा- “हमने प्रकृति के साथ इतनी छेड़छाड़ की है कि अब वह हमें उसी का जवाब दे रही है।”

ये भी पढ़ें- दिल्ली समेत पूरे NCR के लिए जारी हुआ अलर्ट, रिलीफ कैंप्स तक पहुंचा यमुना का पानी




देश की कितनी नदियों में बाढ़ की स्थिति गंभीर, कितनी नदियों का जलस्तर सामान्य से ज्यादा? सामने आया CWC का आंकड़ा

 

Latest India News





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *