
रील चार्ल्स और रियल चार्ल्स शोभराज।
नेटफ्लिक्स की नई फिल्म ‘इंस्पेक्टर जेंडे’ में मनोज बाजपेयी मुख्य भूमिका में हैं, आज रिलीज हो गई है और दर्शकों से खूब तारीफें मिल रही हैं। यह ओटीटी फिल्म एक अनुभवी अधिकारी, मधुकर जेंडे की सच्ची कहानी पर आधारित है, जिन्होंने कुख्यात अपराधी चार्ल्स शोभराज को दो बार गिरफ्तार किया था। इससे पहले चार्ल्स शोभराज के जीवन पर कई फिल्में बन चुकी हैं, जैसे ‘मैं और चार्ल्स’ और ‘ब्लैक वारंट’। इस फिल्म में जिम सर्भ ने चार्ल्स शोभराज का किरदार निभाया है, जिन्हें ‘बिकिनी किलर’ और ‘सेप्रेंट’ के नाम से भी जाना जाता था।
चार्ल्स शोभराज: एक कुख्यात अपराधी
20वीं सदी के सबसे मशहूर सीरियल किलरों में से एक, चार्ल्स शोभराज अपने आकर्षक व्यक्तित्व और चालाक दिमाग के लिए जाना जाता था। 6 अप्रैल 1944 को साइगॉन (अब हो ची मिन्ह सिटी, वियतनाम) में जन्मे, शोभराज को उनके कई पीड़ितों के बिकिनी पहनने के कारण “बिकिनी किलर” कहा गया। साथ ही, अधिकारियों को चकमा देने की उनकी चतुराई के चलते उन्हें “सर्प” और “स्प्लिटिंग किलर” के उपनाम भी मिले। साल 1975 में कई बार भागने के बाद, वह भारत लौटे जहाँ उनकी मुलाकात कनाडाई महिला मैरी-आंद्रे लेक्लर से हुई, जो बाद में उनकी दूसरी पत्नी बनीं और अजय चौधरी से, जो उनका साथी था। ये तीनों मिलकर कई हत्याएं और चोरी के मामले अंजाम देते रहे।
शोभराज के अपराध
चार्ल्स शोभराज के पहले पीड़ितों में से एक 21 वर्षीय टेरेसा नोल्टन थीं, जिनका शव पटाया में बिकिनी पहनकर मिला था। इसके बाद विटाली हकीम नाम के व्यक्ति के जले हुए अवशेष सड़क किनारे पाए गए। हकीम की प्रेमिका भी शोभराज की अगली शिकार बनी, जिसका शव बिकिनी पहने पानी में तैरता मिला। इन कारणों से शोभराज को “बिकिनी किलर” कहा जाने लगा। शोभराज ने दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में कम से कम 20 पर्यटकों की हत्या की, जिनमें से 14 थाईलैंड के थे।
कब ठहराया गया दोषी
भारत में 1976 से 1997 तक उन्हें दोषी ठहराकर जेल में रखा गया। रिहाई के बाद वह फ्रांस लौट गए, लेकिन 2003 में नेपाल में गिरफ्तार होकर आजीवन कारावास की सजा पाए। 21 दिसंबर 2022 को नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी वृद्धावस्था के कारण उन्हें रिहा करने का आदेश दिया और 23 दिसंबर को वे जेल से रिहा होकर फ्रांस वापस चले गए।
इंस्पेक्टर जेंडे के बारे में
फिल्म ‘इंस्पेक्टर जेंडे’ में मनोज बाजपेयी के अलावा सचिन खेडेकर, भालचंद्र कदम, गिरिजा ओक, ओंकार राउत और हरीश दुधाड़े जैसे कलाकार भी हैं। इसका निर्देशन चिन्मय मंडलेकर ने किया है। यह फिल्म मधुकर जेंडे की बहादुरी और कड़ी मेहनत को दिखाती है, जिन्होंने एक बेहद खतरनाक अपराधी को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई।