Fact Check: ‘गुरुग्राम के आसमान में छाया अनोखा बादल’, इस दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो, जानिए सच्चाई


जानिए वायरल दावे का सच- India TV Hindi
Image Source : WATCH THIS ALONE/INSTAGRAM
जानिए वायरल दावे का सच

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म में कई तरह के वीडियो और फोटो वायरल होते हैं। इनमें से कई फोटो और वीडियो गलत दावों के साथ शेयर किए जाते हैं। इंडिया की फैक्ट चेक टीम ऐसे ही भ्रामक दावों वाले वीडियो की सत्यता की जांच करती है।

क्या हो रहा वायरल?

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हो रहा है, जिसमें ऊंची-ऊंची इमारतों के ऊपर से बहुत बड़ा बादल आता हुआ दिखाई दे रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह नजारा 2 सितंबर को गुरुग्राम में देखने को मिला।

वाच दिस अलोन (watch this alone) नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट पर ये वीडियो 2 सितंबर, 2025 को अपलोड किया गया है। इस वीडियो के ऊपर ही लिखा है ‘2 सितंबर 2025, गुरुग्राम, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर।’ यानी इस वायरल वीडियो की लोकेशन हरियाणा के गुरुग्राम शहर की बताई गई है।

4 साल पहले का है ये वीडियो

इस वायरल वीडियो के सत्यता की जांच की गई है। कुछ फ्रेम्स की रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि यह वीडियो 4 साल पहले 18 अगस्त 2021 को यूट्यूब पर डाला गया था। इसे यूट्यूब चैनल ‘Meteored’ ने ‘Terrifying shelf cloud in Lviv, Ukraine’ शीर्षक के साथ शेयर किया था। 

यूक्रेन के ल्वीव शहर का है ये वीडियो

Image Source : METEORED/YOUTUBE

यूक्रेन के ल्वीव शहर का है ये वीडियो

गुरुग्राम नहीं यूक्रेन के ल्वीव शहर का है ये वीडियो

इस वीडियो सें संबंधित कीवर्ड को गूगल पर भी सर्च किया गया। इसमें यूक्रेनी न्यूज संगठन UANews की एक रिपोर्ट मिली, जो 18 अगस्त 2021 को प्रकाशित हुई थी। इस रिपोर्ट का शीर्षक ‘Rare phenomenon: Lviv covered by a unique ‘thunder collar” cloud (Video)। है

इस रिपोर्ट के अनुसार, ल्वीव शहर पर एक अनोखा गरज वाला बादल छा गया था। इस घटना को ‘थंडर कॉलर’ कहा जाता है। इस बादल ने शहर को ढक लिया और खराब मौसम ले आया। यह नजारा एक साथ डरावना और आकर्षक था।

चार साल पहले का पुराना वीडियो

Image Source : ZAXID.NET/YOUTUBE

चार साल पहले का पुराना वीडियो

वायरल वीडियो का दावा गलत

जांच-पड़ताल में सामने आया कि ये वीडियो गुरुग्राम का नहीं, बल्कि 17 अगस्त 2021 को यूक्रेन के ल्वीव शहर का है। वायरल दावा पूरी तरह गलत साबित हुआ है। सोशल मीडिया यूजर्स को भ्रामक दावों से बचना चाहिए। (इनपुट-भाषा)





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