गौतमबुद्ध नगर के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास घर बनाने के लिए तमाम मंजूरी लेनी होगी। एयरपोर्ट के 20 किमी के दायरे में घरों की ऊंचाई तय कर दी गई है। AAI (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने इसके लिए कलर कोडेड जोनिंग मैप भी जारी कर दिया है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की समुद्र तल से 200 मीटर की ऊंचाई होगी। एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के पहले फेज में 1334 हेक्टेयर में 2 रनवे बनाए जाएंगे। जिनमें से 3900 मीटर का एक रनवे बनकर तैयार है, जबकि 4150 मीटर का दूसरा रनवे बाद में तैयार होगा।
एएआई से एनओसी लेना होगा अनिवार्य
अगर एयरपोर्ट से 20 किमी के दायरे में आपकी जमीन है और आप वहां घर-मकान बनाने जा रहे हैं तो आपको एएआई से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) लेना अनिवार्य होगा। हिंदुस्तान लाइव की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यमुना अथॉरिटी एक कंसल्टेंट कंपनी की तलाश में है, जो क्षेत्र का सर्वे करेगी और 20 किलोमीटर के दायरे में तय की गई ऊंचाई के हिसाब से फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर), कार्पेट एरिया समेत अन्य जरूरी चीजों पर रिपोर्ट तैयार करेगी। कंपनी की रिपोर्ट के आधार पर ही नक्शा पास किया जाएगा। अथॉरिटी ने कहा है कि बॉयलॉज में कलर कोडेड जोनिंग मैप के जरिए ही नक्शा पास किया जाएगा।
एयरपोर्ट से 20 किमी के दायरे में बनाए गए हैं 5 जोन
एएआई ने एयरपोर्ट से 20 किमी के दायरे में 5 जोन बनाए हैं। पहले यानी OOLSB जोन की एआरपी से 20 किमी की दूरी होगी। इस जोन में अधिकतम 139 मीटर की ऊंचाई में अधिकतम 46 मंजिल बनाई जा सकती है। दूसरा जोन CE होगा, जो एआरपी (एयरपोर्ट रेफरेंस पॉइंट) से 15 किमी की दूरी पर होगा। इस जोन में अधिकतम 109 मीटर की ऊंचाई में अधिकतम 36 मंजिल बनाई जा सकती है। तीसरा जोन OHS होगा, जो ARP से 9.1 किमी दूर होगा। इसमें अधिकतम 79 मीटर की ऊंचाई में अधिकतम 26 मंजिल बनाई जा सकती है। चौथा जोन CS होगा, ये एआरपी से 6.1 किमी की दूरी पर होगा। इसमें अधिकतम 29 मीटर की ऊंचाई में अधिकतम 16 मंजिलें बनाई जा सकती है। 5वां जोन IHS होगा और ये एआरपी से 4 किमी दूर होगा। इसमें अधिकतम 19 मीटर यानी 6 मंजिला इमारत ही बनाई जा सकती है।
नियमों की अनदेखी हुई तो तोड़ दिए जाएंगे घर-मकान
अथॉरिटी ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति नियमों की अनदेखी करता है तो उनके पास निर्माण को ध्वस्त करने का पूरा अधिकार होगा और ध्वस्तीकरण के लिए एएआई से अलग से अनुमति नहीं लेनी होगी।