‘लोगों को इकट्ठा किया और फिर काटने लगे’, जनाजे पर आतंकियों के हमले में 60 से ज्यादा की मौत


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ADF के आतंकियों ने पहले भी तमाम जानें ली हैं।

गोमा: कांगो के नॉर्थ किवु प्रांत में इस्लामिक स्टेट से जुड़े गुट अलायड डेमोक्रेटिक फोर्स यानी कि ADF ने एक जनाजे पर हमला कर कम से कम 60 लोगों की हत्या कर दी। यह खौफनाक हमला नतोयो गांव में हुआ, जहां लोग एक शख्स के अंतिम संस्कार के लिए इकट्ठा हुए थे। हमले में जिंदा बची एक चश्मदीद ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘लगभग 10 हमलावर थे। उनके पास तलवारें और छुरे थे। उन्होंने लोगों को एक जगह इकट्ठा होने को कहा और फिर उन्हें काटना शुरू कर दिया। मैंने लोगों को चीखते सुना और डर के मारे बेहोश हो गई।’

बेनी क्षेत्र में ADF ने एक और हमला किया

लुबेरो क्षेत्र के स्थानीय प्रशासक कर्नल एलन किवेवा ने बताया कि इस हमले में करीब 60 लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा, ‘अभी अंतिम आंकड़ा सामने नहीं आया है, क्योंकि हमारी टीमें मौके पर पहुंचकर लाशों की गिनती कर रही हैं। कई लोगों के सिर काटे गए हैं।’ वहीं, मंगलवार को ही एक और दर्दनाक खबर सामने आई। नॉर्थ किवु के बेनी क्षेत्र में ADF ने एक और हमला किया, जिसमें कम से कम 18 लोग मारे गए। बेनी के सिविल सोसाइटी लीडर और मानवाधिकार कार्यकर्ता क्लॉड मुसावुली ने बताया, ‘ओइचा में कई शव लाए जा रहे हैं। इनमें से ज्यादातर शव तलवारों के वार से क्षत-विक्षत हो चुके हैं।’

2019 में इस्लामिक स्टेट से जुड़ा था ADF

मुसावुली ने कहा कि ग्रामीणों को शवों की पहचान के लिए बुलाया गया है। मुसावुली ने दुख जताते हुए कहा, ‘हमें समझ नहीं आ रहा कि इस हालात का क्या करें।’ पूर्वी कांगो में कई जटिल संघर्ष चल रहे हैं, जिनमें ADF की हिंसा एक बड़ा मुद्दा है। यह गुट 2019 में इस्लामिक स्टेट से जुड़ा था, और कांगो एवं युगांडा की सीमा पर सक्रिय है। कांगो और युगांडा की सेनाओं ने मिलकर इस गुट के खिलाफ अभियान चलाए हैं, लेकिन फिर भी यह नागरिकों पर हमले कर रहा है।

ADF ने चर्च में की थी 34 लोगों की हत्या

जुलाई में भी ADF ने इटुरी प्रांत में 2 बड़े हमले किए थे। कोमांडा में एक चर्च पर हमले में 34 लोग मारे गए थे, जबकि इरुमु में हुए एक अन्य हमले में 66 लोगों की जान गई थी। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने मंगलवार को जेनेवा में कहा कि ADF ‘सुरक्षा में खालीपन’ का फायदा उठा रहा है। पूर्वी कांगो में रवांडा समर्थित एम23 गुट और केंद्रीय सरकार के बीच चल रहे बड़े संघर्ष के कारण सरकारी सेनाएं सीमावर्ती गांवों से हट गई हैं, जिससे ADF जैसे आतंकी गुटों को हमला करने का मौका मिल रहा है।

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