
क्या आप भी बोलते हैं फारसी?
हिंदी भाषा सिर्फ शब्दों का समूह नहीं, बल्कि हमारी पहचान, हमारी विरासत और हमारे भावों का आलिंगन है। हिंदी भाषा ‘गंगा-जमुनी’ तहजीब की तरह है। इसमें कई भाषाएं मिली हुई हैं। हिंदी भारत की राजभाषा (आधिकारिक भाषा) है। ये हमारी मातृभाषा भी है। खास कर उत्तर भारत में अपने घर-परिवार के बीच बोली जाने वाली हिंदी सबसे पहली भाषा होती है। हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन हिंदी को लेकर तरह-तरह के लेख लिखे जाते हैं। क्या आपको पता है हिंदी के बीच में आप ‘फारसी’ भाषा में भी लोगों से बात करते हैं।
रोजमर्रा में खूब बोली जाती है फारसी
हिंदी भाषा में फारसी मूल के कई शब्द रोजमर्रा की बोलचाल में इस्तेमाल होते हैं, जो मुगलकाल और मध्यकालीन भारत में फारसी के प्रभाव के कारण हिंदी में शामिल हो गए। यहां ऐसे फारसी के 10 शब्द बताए गए हैं, जो फारसी भाषा से आए हैं। अब ये शब्द हिंदी में आम हो चले हैं। इन सभी 10 शब्द के साथ उसका फारसी मूल और अर्थ भी बताया गया है।
1.बाजार
ये शब्द फारसी का है, जो फारसी में मूलत: बाज़ार (Bazar) से आया है।
इसका हिंदी में अर्थ, वह स्थान जहाँ खरीद-फरोख्त होती है।
2. दिल
ये शब्द भी फारसी का है। जो फारसी में मूलत: दिल (Dil) है
इसका हिंदी में अर्थ हृदय से है।
3. खुश
ये शब्द भी फारसी का है, जो फारसी में मूलत: ख़ुश (khush) है।
इसका हिंदी में अर्थ प्रसन्नता से है।
4. दुकान
ये शब्द भी फारसी का है, जो फारसी में मूलत: दुकान (dukan) है।
इसका हिंदी भाषा में अर्थ फुटकर सामान बेचने की जगह।
5. दोस्त
ये शब्द भी फारसी का है, जो फारसी भाषा में मूलत: दोस्त (dost) है।
इसका हिंदी में अर्थ मित्र या साथी से है।
6. जिंदगी
ये शब्द भी फारसी का है, जो फारसी में मूलत: ज़िंदगी (zindagi) है।
इसका हिंदी में अर्थ जीवन से है।
7. मौका
ये शब्द भी फारसी का है, जो फारसी में मूलत: मौक़ा (Mauqa) है।
इसका हिंदी में अर्थ अवसर से है।
8. किताब
ये खब्द भी फारसी भाषा का है, जो मूलत: किताब (kitab, अरबी से फारसी में आया है)
इसका हिंदी में अर्थ पुस्तक है।
9. रास्ता
ये शब्द भी फारसी भाषा का है, जो मूलत: रास्ता (rasta) से है।
इसका हिंदी में अर्थ मार्ग है।
10. शहर
ये शब्द भी फारसी भाषा का है, जो मूलत: शहर (shahar) है।
इसका हिंदी में अर्थ नगर या शहर है।
ये भी जानना है जरूरी
बता दें कि ये शब्द फारसी से हिंदी में इतने घुलमिल गए हैं कि अब ये हिंदी के मूल शब्दों जैसे ही प्रतीत होते हैं। फारसी के ज्यादातर शब्द अरबी और उर्दू भाषा से मिलते-जुलते हैं। फारसी, उर्दू और हिंदी के शब्दों की नजदीकी का कारण ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भाषाई संबंध हैं, जो भारत में मध्यकाल से लेकर मुगलकाल तक के लंबे समय में ये शब्द विकसित हुए।