मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस हफ्ते घरेलू शेयर बाजार की चाल फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक के नतीजों और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (WPI) के आंकड़ों से तय होगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार के मोर्चे पर आगे कोई भी घटनाक्रम शेयर बाजार को प्रभावित करेगा। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा, ‘‘आगे की ओर देखते हुए, इस हफ्ते का प्रमुख वैश्विक घटनाक्रम 17 सितंबर को होने वाली अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक के नतीजे होंगे। अमेरिकी रोजगार बाजार में सुस्ती के संकेतों को देखते हुए, बाजार ब्याज दरों में कम-से-कम 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहा है।’’
पिछले हफ्ते सेंसेक्स में 1.47 और निफ्टी में दर्ज की गई 1.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी
उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू मोर्चे पर, अमेरिका-भारत व्यापार मोर्चे पर कोई भी का घटनाक्रम बाजार की धारणा को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक बना रहेगा। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का प्रवाह इस गति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।’’ बताते चलें कि पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स में 1,193.94 अंक या 1.47 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 373 अंक या 1.50 प्रतिशत के लाभ में रहा। शुक्रवार को निफ्टी में लगातार 8वें सत्र में तेजी दर्ज की गई, जबकि सेंसेक्स लगातार पांचवें दिन लाभ में रहा।
रुपये-डॉलर का रुख और कच्चे तेल की कीमतें भी तय करेंगी बाजार की चाल
ऑनलाइन ट्रेडिंग और वेल्थ-टेक फर्म एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर ने कहा, ‘‘अमेरिकी और एशियाई बाजारों में आशावाद के साथ वैश्विक धारणा प्रमुख ‘चालक’ बनी हुई है, जो फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों की वजह से है। इससे जोखिम उठाने की क्षमता बढ़ रही है।’’ विदेशी निवेशकों की व्यापारिक गतिविधियां, रुपये-डॉलर का रुख और कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव भी सप्ताह के दौरान बाजार के रुख को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बाजार में धीमी गति से जारी रहेगी तेजी
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के रिसर्च हेड-एस्टेट मैनेजमेंट सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार में धीरे-धीरे तेजी जारी रहने की संभावना है। इस सप्ताह, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कटौती के बाद उपभोग बढ़ने की उम्मीद, अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती की सभावना और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता को लेकर धारणा में सुधार से समर्थन मिला।’’