
लंदन में सड़क पर उतरे 1 लाख से ज्यादा प्रदर्शनकारी
लंदन: लंदन में अगर एक लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ सड़कों पर उतर आए तो ये बात पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन जाती है। शनिवार को लंदन में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जब यहां के सेंट्रल इलाके में एक लाख से ज्यादा लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और एंटी-इमिग्रेशन मार्च निकाला।
इसका नेतृत्व एंटी-इमिग्रेशन एक्टिविस्ट टॉमी रॉबिन्सन कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान कई पुलिस ऑफीसर्स पर हमला भी किया गया, जिसकी जानकारी खुद पुलिस ने दी है। ऐसे में सवाल ये उठा कि आखिर इतनी भारी भीड़ लंदन की सड़क पर क्यों जमा हुई और ये भीड़ क्या चाहती है?
ये है प्रदर्शन की वजह
प्रदर्शन की मुख्य वजह लंदन में अवैध प्रवासियों का जमावड़ा है। इन्हीं के खिलाफ लंदन की सड़क पर एंटी-इमिग्रेशन मार्च हुआ। इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थन में एक प्रदर्शन के रूप में प्रस्तुत किया गया था जिसमें यूरोप के प्रभावशाली व्यक्तियों और कई दक्षिणपंथी राजनेताओं द्वारा की गई अधिकांश बयानबाजी मुख्यतः प्रवासन के खतरों पर केंद्रित थी। ये एक ऐसी समस्या है, जिसे नियंत्रित करने के लिए महाद्वीप के अधिकांश लोग संघर्ष कर रहे हैं।
इस दौरान एक दक्षिणपंथी फ्रांसीसी राजनीतिज्ञ एरिक जेमोर ने कहा, “हम दोनों ही एक ही प्रक्रिया के अधीन हैं, जिसमें हमारे यूरोपीय लोगों का स्थान दक्षिण से आने वाले लोगों और मुस्लिम संस्कृति ने ले लिया है, आप और हम अपने पूर्व उपनिवेशों द्वारा उपनिवेशित किये जा रहे हैं।”
पुलिस का क्या कहना है?
पुलिस के मुताबिक, ये मार्च ‘यूनाइट द किंगडम’ मार्च के नाम से आयोजित हुआ था, जिसमें प्रदर्शनकारी एंटी-इमिग्रेशन मार्च के तहत जमा हुए। पुलिस का कहना है कि इस मार्च में एक लाख 10 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। पुलिस पर हमले के मामले ने तूल पकड़ा तो 9 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया और पुलिस अन्य की तलाश में जुटी है।
इस दौरान एक और मार्च “स्टैंड अप टू रेसिज़्म” द्वारा आयोजित किया गया जो “मार्च अगेंस्ट फ़ासीवाद” का विरोध प्रदर्शन था। इसमें लगभग 5,000 लोग शामिल हुए थे।
कौन हैं एक्टिविस्ट टॉमी रॉबिन्सन? उन्होंने भीड़ से क्या कहा?
टॉमी रॉबिन्सन ने इस प्रोटेस्ट का नेतृत्व किया। उनका असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन है। उन्होंने राष्ट्रवादी और इस्लाम-विरोधी इंग्लिश डिफेंस लीग की स्थापना की और ब्रिटेन के सबसे प्रभावशाली दक्षिणपंथी नेताओं में से एक हैं। उन्होंने कहा, “ब्रिटिश होना एक सुन्दर बात है और मैं यहां जो कुछ घटित होते देख रहा हूं वह ब्रिटेन का विनाश है, शुरुआत में धीमी गति से क्षरण, लेकिन बड़े पैमाने पर अनियंत्रित प्रवास के साथ ब्रिटेन का क्षरण तेजी से बढ़ रहा है।”
रॉबिन्सन ने भारी आवाज में भीड़ से कहा कि अब प्रवासियों के पास अदालत में “ब्रिटिश जनता, इस राष्ट्र के निर्माता” से ज्यादा अधिकार हैं।
रॉबिन्सन के समर्थकों ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, मध्य-वामपंथी लेबर पार्टी के नेता के बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और मारे गए अमेरिकी रूढ़िवादी कार्यकर्ता चार्ली किर्क के समर्थन में संदेश भी दिए।
ऑस्ट्रेलिया में भी हो चुका है इसी तरह का मार्च
इससे पहले, अगस्त 2025 में ऑस्ट्रेलिया में “मार्च फॉर ऑस्ट्रेलिया” नामक एंटी-इमिग्रेशन रैलियां हुईं थीं, जिसमें सिडनी, मेलबर्न और अन्य शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतरे थे। ये विरोध प्रदर्शन भी चर्चा का विषय बना था और दुनियाभर में इससे संबंधित खबरें मीडिया हाउसों की हेडलाइन बनी थीं।