दिल्ली BMW हादसा: आरोपी गगनप्रीत को आज नहीं मिली जमानत, वकील ने कहा- ‘ये सामान्य एक्सिडेंट है’


delhi bmw car accident- India TV Hindi
Image Source : ANI
दिल्ली BMW कार हादसे की आरोपी गगनप्रीत।

दिल्ली में BMW एक्सीडेंट मामले बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। आपको बता दें कि बीते रविवार को दिल्ली में धौलाकुआं के पास कार ने बाइक सवार दंपत्ति को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में बाइक चला रहे नवजोत सिंह की जान चली गई और उनकी पत्नी घायल हो गई। मृतक नवजोत सिंह वित्त मंत्रालय में सीनियर अधिकारी थे। अब इस मामले को लेकर बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट में हुई सुनवाई हुई जहां पीड़ित के वकील, आरोपी के वकील और दिल्ली पुलिस ने अपनी दलील रखी। हादसे की आरोपी को आज कोर्ट से जमानत नहीं मिली है। कोर्ट ने आरोपी की न्यायिक हिरासत 27 सितंबर तक बढ़ा दी है। गगनप्रीत की जमानत याचिका पर अब शनिवार 20 सितंबर को अगली सुनवाई होगी।

CCTV फुटेज को संरक्षित किए जाने की मांग 

दिल्ली कार हादसे की आरोपी ने एक्सिडेंट वाली जगह की सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित किए जाने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की है। सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने की मांग वाली अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की मांग वाली अर्जी पर अब कल गुरुवार को सुनवाई होगी।

ये सामान्य एक्सिडेंट है- आरोपी के वकील

मामले की सुनवाई के दौरान गगनप्रीत के वकील ने कहा कि “एक्सीडेंट के मामले को पुलिस ने IPC 304 (BNS 105) में बदल दिया। जानबूझकर पुलिस ने सिर्फ 304 लगाई, जिसकी सजा उम्र कैद है। जब मुझे गिरफ्तार किया उसके 10 घंटे बाद FIR की। जानबूझकर पुलिस ने सिर्फ 304 लगाया जिसकी सजा उम्रकैद है। पुलिस का कहना है कि गाडी 20 KM क्यों ले गए, इसलिए 304 लगी। इनकी गाड़ी में भी पूरा परिवार बैठा था। बच्चे और पति भी थे जो घायल हुए। हमें पीड़ित के प्रति पूरी सहानुभूति है।”

गगनप्रीत के वकील ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि “हादसे के वक्त मृतक बस से टकराया, उस बस को भी पकड़ना चाहिए। एक एंबुलेंस वाले ने ले जाने से मना किया उसके ऊपर भी कार्रवाई होनी चाहिए। क्या ये 304 (A) का मामला नहीं बनता, पुलिस दवाब में कुछ भी कर सकती है। जब न्यायिक हिरासत में भेजा गया, उसी समय दिल्ली पुलिस से पूछना चाहिए था कि 304 (A) क्यों नहीं बनता।

गगनप्रीत के वकील ने कहा- “ये कहते हैं कि इस हॉस्पिटल क्यों ले गए? हमने अपने फादर इन लॉ से बात की और अपने परिचित हॉस्पिटल ले गए। अपने घायल पति और घायल बच्चे को छोड़कर मृतक को पहले हॉस्पिटल ले गई। ये दुखद घटना है। सामान्य एक्सिडेंट है ये। 

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में क्या बताया?

दिल्ली पुलिस कोर्ट ने भी कोर्ट को इस घटना की जानकारी दी है। पुलिस ने कहा कि “गगनप्रीत इतनी घायल नहीं थी जितना बताया जा रहा है। इन्होंने दूर अस्पताल में भर्ती करवाया (नवजोत को) जिस कारण काफी समय लगा। जिस टैक्सी से ले जाया गया उसके ड्राइवर का बयान है जिसमें कहा कि जब बार-बार कहा जा रहा था कि नजदीक के हॉस्पिटल ले चलो, लेकिन गगनप्रीत ने उनकी नहीं सुनी।

पीड़ित के वकील ने क्या दलील दी?

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार के वकील ने कहा कि “नियम है कि घायल को नजदीक के हॉस्पिटल ले जाया जाए। उसको तो कॉरिडोर में स्ट्रेचर पर रख दिया गया और जो लेडी अपने बच्चों को गाड़ी से निकाल रही हैं ठीक दिख रही हैं, उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया गया। सामने ही बेस हॉस्पिटल था वहां नहीं ले जाया गया, आखिर क्यों? गाड़ी की स्पीड बहुत ज्यादा थी। बीएमडब्ल्यू गाड़ी पलट गई।”

ये भी पढ़ें- दिल्ली BMW एक्सीडेंट केस में बड़ा खुलासा, घायलों को 19 KM दूर क्यों लेकर गई थी गगनप्रीत? सामने आई वजह

BMW Case: नवजोत के शव को पत्नी ने किया Final Good Bye, अंतिम बार चेहरे को छूने के लिए बढ़ाया हाथ, सभी के निकले आंसू





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *