
आमिर खान मुत्ताकी, अफगानिस्तान के कार्यवाहक तालिबानी विदेश मंत्री (बीच में)
दुबई: अफगानिस्तान की सत्ता में करीब 4 साल से काबिज तालिबान अब अपनी छवि सुधारने के प्रयासों में जुट गया है। ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह सरकार के तौर पर मान्यता और समर्थन हासिल कर सके। इस कड़ी में तालिबान ने शुक्रवार को एक ब्रिटिश दंपत्ति को रिहा कर दिया, जिन्हें अफगानिस्तान में अज्ञात आरोपों पर पिछले 7 महीनों से अधिक समय से हिरासत में रखा गया था।
तालिबान ने क्यों बिना शर्त की ब्रिटिश नागरिक की रिहाई
अफगानिस्तान की सत्ता में बंदूक की नोक पर आए तालिबान का काम ही पहले अपहरण, हत्या, लूट और आतंकवाद फैलाना रहा है। मगर सत्ता में आने के बाद अब वह अपनी छवि सुधारने के प्रयास में है। एक अधिकारी ने बताया कि यह कदम तालिबान सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के प्रयासों का हिस्सा है, जो उन्होंने सत्ता में आने के वर्षों बाद तेज किया है। इसलिए दोनों ब्रिटिश नागरिकों को तालिबान ने रिहा कर दिया।
किसे किया था अगवा
पीटर (80 वर्ष) और बार्बी रेनॉल्ड्स (75 वर्ष) को तालिबान ने बिना शर्त छोड़ दिया है। यह मामला पश्चिमी देशों की उन चिंताओं को उजागर करता है जो 2021 में अमेरिकी समर्थित सरकार को सत्ता से हटाकर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद से उठाई जा रही हैं। रेनॉल्ड्स दंपत्ति पिछले 18 वर्षों से अफगानिस्तान में रह रहे थे और देश के मध्य प्रांत बामियान में एक शिक्षा और प्रशिक्षण संगठन चला रहे थे। उन्होंने तालिबान के सत्ता में आने के बाद भी अफगानिस्तान में रहने का फैसला किया था।
इस खाड़ी देश ने की मदद
ब्रिटिश नागरिकों की रिहाई में खाड़ी देश कतर ने इस दंपत्ति की रिहाई में मदद की और जिसने अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ताओं में मध्यस्थता की थी। एक राजनयिक ने बताया कि दंपत्ति शुक्रवार को अफगानिस्तान से रवाना हो गया। राजनयिक ने इस संवेदनशील वार्ता पर गुमनाम रहने की शर्त पर जानकारी दी।
परिवार वाले लगातार कर रहे थे मांग
ब्रिटेन में रेनॉल्ड्स के परिवार के सदस्यों ने लगातार उनकी रिहाई की मांग कर रहे थे। उनका यह भी आरोप था कि तालिबान की हिरासत में रहते हुए कि उन्हें दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें बिना किसी स्पष्ट आरोप के हिरासत में रखा गया है। हालांकि तालिबान ने दुर्व्यवहार के आरोपों से इनकार किया, लेकिन उन्होंने कभी यह नहीं बताया कि उन्हें हिरासत में क्यों लिया गया था। जुलाई में, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि दंपत्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ रहा है और वे अपूरणीय क्षति या यहां तक कि मृत्यु के खतरे में हैं। (AP)