‘जजों को न्याय से होनी चाहिए मोहब्बत, पैसों से नहीं’, CJI बीआर गवई का बड़ा बयान; न्यायिक सुधारों पर कही ये बात


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CJI बीआर गवई

नई दिल्लीः दिल्ली में आयोजित सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) की कॉन्फ़्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस (CJI) बीआर गवई ने जजों और वकीलों को लेकर बड़ा बयान दिया। CJI ने कहा कि जजों और वकीलों को एक-दूसरे से बेहतर नहीं समझना चाहिए। दोनों न्याय की सुनहरी चिड़िया के दो पंख हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी जज का व्यवहार गलत होगा, तो पूरी ज्यूडिशियरी की इमेज खराब हो सकती है।

जजों को पैसों से मोह नहीं होना चाहिए- CJI

एक घटना का ज़िक्र करते हुए सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि कोर्ट में डांट खाने के बाद एक युवा वकील बेहोश हो गया था। ऐसी बातें जनता का भरोसा तोड़ देती हैं। CJI ने कहा कि जजों को पैसे से मोह नहीं रखना चाहिए। असली मोह न्याय और आज़ादी से होना चाहिए।

अपीलों को फ़िल्टर करने के लिए कोई सिस्टम बने

चीफ जस्टिस ने कहा कि ट्रिब्यूनल (CAT) में केस जल्दी निपट रहे हैं, लेकिन पेंडेंसी (लंबित मामले) लगातार बढ़ रही है। CAT के आदेशों को बार-बार हाई कोर्ट में चुनौती देने से देरी और बढ़ती है। ज़रूरत है कि अपीलों को फ़िल्टर करने के लिए कोई सिस्टम बने। ट्रिब्यूनल के जज और अफ़सरों को बेहतर ट्रेनिंग मिले और उनकी नियुक्ति पारदर्शी हो। 

CJI ने जजों को दिया बड़ा संदेश

सीजेआई ने कहा कि सभी ट्रिब्यूनल्स का डेटा एक जगह उपलब्ध हो, जैसे National Judicial Data Grid में होता है। CJI गवई ने कहा कि जजों को चाहिए कि वे अपनी ज़िंदगी और अपने फ़ैसले दोनों में ईमानदारी और भरोसा बनाए रखें। न्यायपालिका का सबसे बड़ा सहारा जनता का विश्वास है।

भारतीय न्यायाधिकरणों के कामकाज पर चर्चा

कार्यक्रम के दौरान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने भारतीय न्यायाधिकरणों के कामकाज पर चर्चा की और इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रशासनिक न्यायाधिकरण कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। उन्होंने कहा कि अदालतों के विपरीत, इन न्यायाधिकरणों के कई सदस्य प्रशासनिक पृष्ठभूमि से आते हैं, जबकि बड़ी संख्या में न्यायाधिकरणों के पास न्यायिक अनुभव भी होता है। 


मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा, “न्यायिक शिक्षाविदों द्वारा आयोजित नियमित कार्यशालाएं, सम्मेलन और प्रशिक्षण कार्यक्रम इस संबंध में अमूल्य साबित हो सकते हैं और न्यायाधिकरण की प्रभावशीलता को काफी बढ़ा सकते हैं।”

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