
चरणजीत आहूजा
पंजाब के संगीतकार चरणजीत सिंह आहूजा का आज निधन हो गया। उन्होंने मोहाली में घर पर अंतिम सांस ली। वह 74 साल के थे और कुछ वर्षों से कैंसर से जंग लड़ रहे थे, जिसका इलाज चंडीगढ़ पीजीआई (स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान) से चल रहा था। पंजाबी संगीत के “सम्राट” माने जाने वाले चरणजीत अपने दशकों के करियर में आहूजा ने कुछ सबसे बड़े नामों के साथ काम किया और बॉलीवुड फिल्मों के साउंडट्रैक में भी योगदान दिया। उनके निधन की खबर सामने आते ही पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शोक जाहिर किया है।
भगवंत मान ने चरणजीत आहूजा को दी श्रद्धांजलि
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए दुख जाहिर किया है। उन्होंने लिखा, ‘संगीत सम्राट उस्ताद चरणजीत आहूजा साहब का चले जाना संगीत इंडस्ट्री के लिए बड़ा नुकसान है। उनके द्वारा बनाई गई धुनें हमेशा पंजाबियों के दिलों पर राज करती रहेंगी। उनके परिवार और चाहने वालों के साथ दिल से संवेदना। परमात्मा उनकी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।’
संगीतकारों ने चरणजीत आहूजा को दी विदाई
गायक के निधन की खबर फैलते ही प्रशंसकों, म्यूजिक इंडस्ट्री के लोगों ने और प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सलीम शहजादा ने भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, ‘आज संगीत जगत ने एक महान नाम खो दिया है – हमारे पूज्य गुरु, महाराज चरणजीत आहूजा साहब, जो दिव्य लोक को चले गए। उन्होंने पंजाबी संगीत के लिए जो किया, मुझे नहीं लगता कि किसी और ने कभी किया होगा। कई स्टार कलाकार उनकी रचनाएं हैं और उन्होंने हम जैसे साधारण पृष्ठभूमि से आए लोगों को अपार समर्थन, प्यार और सम्मान भी दिया।’ वहीं, प्रशंसकों ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, ‘RIP उस्ताद जी।’
चरणजीत आहूजा कैसे हुए मशहूर
चरणजीत आहूजा का अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर 1 बजे मोहाली के श्मशान घाट में होगा। आहूजा ने अपनी हिट रचनाओं ‘की बनू दुनियां दा’ (1986), ‘गभरू पंजाब दा’ (1986), ‘दुश्मनी जट्टां दी’ (1993) और ‘तूफान सिंह’ (2017) से संगीत जगत में प्रसिद्धि प्राप्त की। आहूजा का दिल्ली में एक स्टूडियो था, लेकिन बीमारी के कारण वे मोहाली चले गए। उनके बेटे सचिन आहूजा भी एक प्रसिद्ध पंजाबी संगीत निर्माता हैं।
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