
डोनाल्ड ट्रंप
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को फिर एक ऐसा आदेश दिया, जिससे दुनियाभर में हड़कंप मच गया। ट्रंप ने नया आदेश जारी किया, जिसके तहत अब कंपनियों को H-1B वीजा के जरिए विदेशी कर्मचारियों को हायर करने के लिए हर साल 100,000 डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) का शुल्क देना होगा।
भारत और चीन के लोगों पर बड़ा असर
ट्रंप के इस फैसले का बड़ा असर भारत और चीन पर दिखाई देगा क्योंकि H-1B वीजा पाने वालों में 71 फीसदी भारतीय हैं, जबकि 11.7 प्रतिशत चीनी नागरिक हैं। बता दें कि H-1B वीजा एक ऐसा प्रोग्राम है, जिसके जरिए कंपनियां, अमेरिका में विदेशी लोगों को नौकरी दे सकती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या H-1B वीजा के तहत अमेरिका में रह रहे सभी भारतीय मूल के लोगों को एक लाख अमेरिकी डॉलर का शुल्क देना होगा?
“केवल नए आवेदकों को देना होगा शुल्क”
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, “H-1B वीजा के लिए सभी को आवेदन शुल्क नहीं देना होगा। केवल नए आवेदकों पर ही 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लागू होगा। हालांकि ट्रंप के इस फैसले को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अगर ये शुल्क लागू रहा तो कंपनियों को इस वीजा पर काम करने वाले कर्मचारी के लिए 6 साल तक हर साल अमेरिकी डॉलर का भुगतान करना होगा। हालांकि यह शुल्क केवल नये आवेदकों पर लागू होगा।”
अमेरिका के इस अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर ये जानकारी दी और कहा, “उन मौजूदा वीजा धारकों पर ट्रंप के इस नए आदेश का कोई असर नहीं पड़ेगा, जो अभी अमेरिका से बाहर हैं। केवल नए आवेदक ही इस आदेश की जद में आएंगे।”
अभी कितना है एच-1बी वीजा शुल्क?
अभी एच-1बी वीजा शुल्क 2,000 अमेरिकी डॉलर से 5,000 अमेरिकी डॉलर तक है। भारतीय मूल के तमाम लोग इस वीजा के अंतर्गत अमेरिका में सेवाएं दे रहे हैं। ये वीजा 3 साल के लिए वैलिड होता है और 3 साल के लिए इसे रिन्यू करवाया जा सकता है।
भारतीयों को सता रही चिंता
ट्रंप का ये फैसला वाकई उन भारतीयों को परेशान करने वाला है, जो एच1बी वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं और सेवाएं दे रहे हैं। कई भारतीयों को लेकर ये खबर आई कि उन्होंने अपनी भारत यात्रा की योजना को रद्द कर दिया है। (इनपुट: भाषा)