
आतंकी अफजल गुरु
दिल्ली हाई कोर्ट में अफजल गुरु और मकबूल भट्ट को लेकर याचिका दाखिल की गई है। विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से ये याचिका दायर की गई है। याचिका में मांग की गई है कि तिहाड़ जेल में बनी अफजल गुरु और मकबूल भट्ट की कब्रें हटाई जाएं। अगर हटाना संभव न हो, तो अवशेष किसी गुप्त जगह पर ले जाए जाएं।
चरमपंथियों का ठिकाना बनीं हैं ये कब्रें
याचिका में तर्क दिया गया कि अफजल गुरु और मकबूल भट्ट की यें कब्रें चरमपंथियों का ठिकाना बनीं हुई हैं। आतंकवाद की महिमा गढ़ने का खतरा है। जेल सुरक्षा और कैदियों पर इसका असर पड़ रहा है। ये कब्रें दिल्ली प्रिजन रूल्स और जेल मैन्युअल का उल्लंघन हैं।
जेल के अंदर कब्र बनाना गैरकानूनी
याचिका में कहा गया है कि जेल परिसर आतंकवादियों की यादगार का स्थान नहीं हो सकता है। जेल के अंदर कब्र बनाना गैरकानूनी है। इससे जेल एक तरह का तीर्थ स्थल बन गया है, जहां कट्टरपंथी लोग इकट्ठा होकर आतंकियों को ‘शहीद’ बताते हैं। ये राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए खतरा है।
जेल नियमों में कब्र की अनुमति नहीं है
याचिका में यह भी कहा गया है कि जेल मैनुअल और दिल्ली जेल नियमों में कब्र की अनुमति नहीं है। पहले भी अजमल कसाब और याकूब मेमन जैसे आतंकियों के शव गुपचुप तरीके से दफनाए गए थे, ताकि उनकी कब्र ‘तीर्थ’ न बने।