बीजेपी ने धर्मेंद्र प्रधान को ऐसे नहीं बनाया बिहार का चुनाव प्रभारी, ट्रैक रिकॉर्ड दे रहे उनकी काबिलियत की गवाही


केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान- India TV Hindi
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान। फाइल

नई दिल्लीः बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया है। साथ ही उनकी मदद के लिए केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सह-प्रभारी बनाया गया है। धर्मेंद्र प्रधान 2010 के बिहार विधानसभा चुनावों में भाजपा के सह-प्रभारी थे। तब बीजेपी और जेडीयू ने आरजेडी को करारी मात देते हुए सरकार बनाई थी। बीजेपी ने धर्मेंद्र प्रधान को जहां-जहां चुनाव प्रभारी बनाया, अधिकतर जगहों पर पार्टी को बड़ी जीत मिली। प्रधान ने चुनाव प्रभारी रहते छह राज्यों में पार्टी को जीत दिलाई है। सिर्फ एक राज्य में वह जीत दिलाई में चूक गए थे। आइए जानते हैं धर्मेंद्र प्रधान का क्या ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। 

हरियाणा में पार्टी को दिलाई ऐतिहासिक सफलता

धर्मेंद्र प्रधान को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का विश्वास प्राप्त है। पार्टी ने कई मौकों पर उन्हें कई विधानसभा चुनावों के लिए प्रभारी या सह-प्रभारी बनाया है। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद होने वाले 2024 के हरियाणा चुनावों के दौरान, प्रधान को भाजपा का चुनाव प्रभारी बनाया गया था। उनके नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की और सत्ता विरोधी लहर के बावजूद 90 में से 48 सीटें जीतीं। यह 2014 के बाद से हरियाणा में भाजपा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी था।

कथित तौर पर धर्मेंद्र प्रधान ने रोहतक, कुरुक्षेत्र और पंचकूला में शिविर लगाए थे और जमीनी स्तर पर ध्यान केंद्रित किया था। वह जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से नियमित रूप से अपडेट लेते रहे और उसी के अनुसार पार्टी की रणनीति बनाई, जिससे भगवा पार्टी को लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने में मदद मिली।

ओडिशा में पहली बार बनी बीजेपी की सरकार

हरियाणा से पहले धर्मेंद्र प्रधान को ओडिशा चुनावों के लिए भी भाजपा का चुनाव प्रभारी बनाया गया था, जो 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ-साथ हुए थे। हरियाणा की तरह, प्रधान नियमित रूप से जमीनी कार्यकर्ताओं से जानकारी लेते रहे, जिससे अंततः भाजपा को ओडिशा में 78 सीटें जीतकर ऐतिहासिक सरकार बनाने में मदद मिली।

उत्तर प्रदेश में बीजेपी को दिलाई बड़ी सफलता

धर्मेंद्र प्रधान को 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा का प्रभारी भी बनाया गया था। उनके नेतृत्व में पार्टी ने 403 निर्वाचन क्षेत्रों में से 255 सीटें जीतीं, जिससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लगातार दूसरा कार्यकाल सुनिश्चित हुआ और बेहतर प्रदर्शन के बावजूद सपा सत्ता से दूर रह गई। 

उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार खिला कमल

2017 में ओडिशा के रहने वाले धर्मेंद्र प्रधान को 2017 के उत्तराखंड चुनावों के लिए भाजपा का प्रभारी बनाया गया था। प्रधान के प्रयासों से पार्टी ने उत्तराखंड विधानसभा की 70 में से 57 सीटें जीतीं। उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा मौका है जब कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाई हो। इससे पहले सत्ता में रहने वाली पार्टी कभी भी लगातार जीत नहीं दर्ज कर पाई थी। 

झारखंड में किया कमाल

उत्तराखंड से पहले प्रधान 2014 के झारखंड चुनावों के लिए भाजपा के प्रभारी थे। उनके नेतृत्व में, भगवा पार्टी ने झारखंड में ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जहां 81 सीटें हैं। भाजपा ने यहां 72 सीटों पर चुनाव लड़ा, वहां से 37 सीटें जीतीं। वहीं उसके गठबंधन सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें से पांच सीटें जीतीं।

छत्तीसगढ़ में बीजेपी को दिलाई बड़ी सफलता

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को 2008 के छत्तीसगढ़ चुनावों का भी प्रभारी बनाया गया था। जहां भगवा पार्टी को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि, प्रधान की बदौलत भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 50 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की।

सिर्फ कर्नाटक में पार्टी को नहीं दिला पाए जीत

 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया था। उन्होंने सत्ता विरोधी लहर रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन पार्टी को जीत नहीं दिला पाए। कर्नाटक ही एक ऐसा राज्य है जहां पर धर्मेंद्र प्रधान चुनाव प्रभारी रहते हुए पार्टी को जीत नहीं दिला सके। बीजेपी ने 224 सदस्यीय विधानसभा में केवल 66 सीटें जीत पाई थी।





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