
प्रतिकात्मक तस्वीर
काठमांडू: Gen-Z विरोध प्रदर्शनों के दौरान नेपाल की विभिन्न जेलों से भागे 7,700 से अधिक कैदी या तो वापस लौट आए हैं या उन्हें उनके संबंधित हिरासत केंद्रों में वापस लाया गया है। प्राधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। जेल प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आठ और नौ सितंबर को ‘जेन-जेड’ विरोध प्रदर्शनों के दौरान, देश भर के हिरासत केंद्रों से कुल 14,558 कैदी भाग गए थे।
सुरक्षा बलों के साथ झड़प के दौरान दस कैदियों की मौत हो गई है, जबकि 7,735 कैदी जेलों में लौट आए हैं। कुछ कैदी स्वेच्छा से वापस लौट आये हैं, जबकि अन्य को सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, विभिन्न जेलों से 6,813 कैदी अभी भी फरार हैं। सरकार ने फरार कैदियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
जेन जेड’ प्रदर्शनों में मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई : प्रधानमंत्री कार्की
नेपाल की कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कहा कि सरकार ‘जेन-जेड’ विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों सहित 74 व्यक्तियों की मौत के पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के बाद, टीवी पर प्रसारित अपने पहले संबोधन में कार्की ने कहा कि सरकार ने आगामी पांच मार्च को संसदीय चुनाव कराने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है। ‘जेन जेड’ उस पीढ़ी को कहा जाता है, जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई है।
प्रधानमंत्री कार्की ने देश के सभी वर्गों से कानून व्यवस्था बनाए रखने और स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा पारदर्शी चुनाव संपन्न कराने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में सहयोग करने की अपील की। कार्की ने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार को संविधान संशोधन या शासन प्रणाली में बदलाव करने का जनादेश नहीं है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर नयी संसद ही संवैधानिक प्रक्रिया के तहत निर्णय लेगी। संविधान में संशोधन और शासन प्रणाली में बदलाव ‘जेन जेड’ आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं। कार्की ने यह भी कहा कि सरकार भ्रष्टाचार समाप्त करने, सुशासन सुनिश्चित करने और जन अपेक्षाओं के अनुरूप सेवाओं में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। कार्की (73) ने 12 सितंबर को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद यह पद संभाला।
गोली चलाने का आदेश नहीं दिया: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री ओली
नेपाल के अपदस्थ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने ‘Gen-Z’ समूह के सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश देने के आरोपों को खारिज किया है। ओली ने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध को लेकर सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बीच नौ सितंबर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में यह बात कही। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के अध्यक्ष ओली ने भक्तपुर जिले के गुंडू क्षेत्र में अपने निजी आवास पर पार्टी के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने आंदोलन के दौरान ‘जेन जेड’ प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया।”
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अपने पहले बयान में ओली ने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर स्वचालित बंदूकों से गोलियां चलाई गईं, जो पुलिस के पास थीं ही नहीं। उन्होंने मामले की जांच की मांग की थी। ओली ने नौ सितंबर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कहा था, “जेन जेड प्रदर्शनकारियों के नाम पर की गई आगजनी और हिंसा के दौरान बड़ी संख्या में लोग मारे गए।” उन्होंने कहा था कि प्रदर्शनकारियों की मौत की खबर सुनकर वह “दुखी” हैं। आठ सितंबर को आंदोलन के पहले दिन पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। दो दिन के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के दौरान कुल 75 लोग मारे गए।