
मराठवाड़ा में भारी बारिश
छत्रपति संभाजीनगर: मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में बारिश कहर बरपा रही है। रविवार को 11,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें क्षेत्र के जयकवाड़ी बांध में और अधिक पानी आने की उम्मीद है। क्षेत्र के धाराशिव जिले में बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण दो लोगों की मौत हो गई है। क्षेत्र में छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, लातूर, नांदेड़, हिंगोली और परभणी जिले भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जयकवाड़ी बांध से पानी छोड़े जाने के कारण गोदावरी नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद, विशेषकर छत्रपति संभाजीनगर और नांदेड़ जिलों में स्थिति गंभीर हो गई है, जिसके कारण नदी के किनारों और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित करना पड़ा है।
छत्रपति संभाजीनगर में 7 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया
एक अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र के सबसे बड़े जलाशय जयकवाड़ी से जल प्रवाह 2. 26 लाख क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) तक पहुंचने के बाद छत्रपति संभाजीनगर के पैठण कस्बे में 7,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इन लोगों को वडाली, नयागांव, मेयगांव, नवगांव, आपेगांव, कुरान पिंपरी, नवगांव, हीरादपुरी और अंबाद टाकली गांवों से स्थानांतरित किया गया। उन्होंने कहा कि जयकवाड़ी बांध के सभी 27 फाटक, जिनमें नौ आपातकालीन फाटक भी शामिल हैं, आठ फुट की ऊंचाई तक खोल दिए गए हैं। जलाशय में भंडारण 98.07 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
नासिक जिले में भारी बारिश
उन्होंने कहा कि स्थिति और भी खराब हो सकती है, क्योंकि गोदावरी नदी के ऊपरी हिस्से में स्थित नासिक जिले में भारी बारिश हो रही है और मौसम ने ‘रेड अलर्ट’ घोषित किया है। धाराशिव जिले में, 3,600 से ज्यादा लोगों को जलमग्न इलाकों से निकाला गया, जबकि नांदेड़ नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले 970 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि गोदावरी नदी नांदेड़ जिले में लगभग 354 मीटर के जलस्तर पर बह रही है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने रविवार को मराठवाड़ा में वर्षा की स्थिति और चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा की तथा अधिकारियों को क्षेत्र स्तर पर प्रयास तेज करने के निर्देश दिए।
मराठवाड़ा के छह जिलों में भारी बारिश
अधिकारियों ने बीड जिले में बाढ़ से लोगों को अलर्ट करने के लिए पारंपरिक ‘दवंडी’ (ढोल बजाकर विशेष घोषणा) का सहारा लिया है, जहां गेवराई में भारतीय सेना और एनडीआरएफ के दस्तों को भी तैयार रखा गया है। मराठवाड़ा क्षेत्र, जहां गोदावरी, पूर्णा और मंजारा जैसी प्रमुख नदियां बहती हैं, 20 सितंबर से लगातार बारिश के कारण बाढ़ की चपेट में है, जिससे हजारों हेक्टेयर में खड़ी फसलों, घरों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों ने रविवार सुबह बताया कि आमतौर पर सूखाग्रस्त मराठवाड़ा के छह जिलों के 189 राजस्व क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई।
धाराशिव में दो लोगों की मौत
बाढ़ प्रभावित धाराशिव जिले के ओमेरगा और परंदा तालुकाओं में शनिवार रात एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति बाढ़ के पानी में डूब गया, जबकि दूसरी मौत बारिश से जुड़ी एक अन्य घटना के कारण हुई। जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “धाराशिव में कल रात से बारिश कम हो गई है। इसलिए अब हम प्रभावित परिवारों को सहायता पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सिना कोलेगांव बांध से 75,500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण परंदा के इलाके जलमग्न हो गए हैं लेकिन हमने 3,615 निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।” एक अन्य अधिकारी ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर में हरसूल परिक्षेत्र में सबसे अधिक 196 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि वैजापुर तालुका के शिवूर और बोरसर परिक्षेत्र में 189.25 मिलीमीटर बारिश हुई। उन्होंने बताया कि वालुज क्षेत्र में भारी बारिश के कारण छत्रपति संभाजीनगर-अहिल्यानगर मार्ग पर सुबह यातायात ठप हो गया। क्षेत्र में 483 राजस्व मंडल हैं, जहां वर्षामापी यंत्र लगे हैं। अधिकारी ने बताया कि इनमें से 189 मंडलों में पिछले 24 घंटों में अधिक वर्षा (एक दिन में 65 मिलीमीटर से अधिक) दर्ज की गई।(इनपुट-भाषा)