बरेली हिंसा मामला: चाहे पुलिस वालों की हत्या भी….मौलाना तौकीर रजा ने क्या कहा था? FIR में हुए कई बड़े खुलासे


मौलाना तौकीर रजा- India TV Hindi
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मौलाना तौकीर रजा

बरेली में बीते शुक्रवार 26 सितम्बर को आई लव मोहम्मद कैंपेन को लेकर हुई हिंसा मामले में दायर एफआईआर में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एफआईआर में कहा गया है कि हिंसा एक सोची-समझी साजिश थी। इसमें ये भी कहा गया है कि हिंसा को अंजाम देने में मौलाना तौकीर रजा खान का हाथ था, वही आरोपी नंबर वन हैं। ये भी कहा गया है कि तौकीर रजा ने ही प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिए थे कि आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहे इसमें पुलिसवालों की हत्या ही क्यों न करनी पड़े, मुस्लिमों की ताकत दिखानी है।

एसएसपी ने क्या कहा

बरेली में ‘आई लव मुहम्मद’ विवाद और हिंसा पर, एसएसपी बरेली, अनुराग आर्य ने कहा, “आज 28 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक नदीम खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने 26 सितंबर को घटना के दौरान एक पुलिसकर्मी से छीना गया मोबाइल हैंडसेट बरामद कर लिया है। एक अन्य आरोपी जफरूद्दीन को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके पास से घटना के दौरान संभवतः इस्तेमाल किया गया एक हथियार बरामद किया गया है।

आरोपियों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से एक विशिष्ट स्थान पर इकट्ठा होने के संदेश मिले थे। आरोपी नदीम खान ने कहा है कि उनके, डॉ. नफीस और लियाकत के हस्ताक्षर वाली एक अपील लेटरहेड पर प्रसारित की गई थी। हमारी टीम लियाकत की तलाश कर रही है। नदीम खान ने लोगों को गुमराह करने की कोशिश की, यह कहकर कि अपील पत्र पर हस्ताक्षर उनके नहीं थे…”

एफआईआर में क्या क्या हुआ खुलासा

  1. एफआईआर के मुताबिक, हिंसक भीड़ कह रही थी कि तौकीर रजा ने कहा है कि आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहे इसमें पुलिस वालों की हत्या भी करनी पड़ी, मुस्लिमों को अपनी ताकत दिखानी है।

     

  2. ​’आई लव मोहम्मद’ को लेकर हुए इस प्रदर्शन में अपराधियों को बुलाया गया था जो दूसरे जिलों से भी आए थे।
     
  3. भीड़ में से कुछ लोगों ने ‘गुस्ताख नबी की एक सजा, सर तन से जुदा’ के नारे लगाए थे जिससे भीड़ उग्र हुई और बवाल पर उतर आई। 
     
  4. नारे लगाते हुए भीड़ ने कहना शुरू किया कि मौलाना तौकीर रजा ने कहा है-आज तो शहर का माहौल बिगाड़ देना है, चाहे इसमें पुलिस वालों की हत्या ही क्यों न करनी पड़े।
     
  5. एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि जुमे के दिन उमड़ी इस भीड़ ने पुलिस पर अवैध हथियारों से जान से मारने के मकसद से फायरिंग की थी।
     
  6. पुलिस वालों के डंडे छीने और उनपर हमला किया, पुलिस वालों के बैच नोचे गए। कांच की बोतलों से पेट्रोल बम फेंके गए जिससे कई पुलिस वाले घायल हुए।
     
  7. पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला किया गया।
     
  8. डीआईजी अजय कुमार साहनी ने इसे पूर्वनियोजित साजिश बताया, जो पश्चिमी यूपी में शांति भंग करने और राज्य की विकास योजनाओं को पटरी से उतारने का प्रयास था।

 

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