
KP Sharma Oli
Nepal Gen-Z Protest: नेपाल की अंतरिम सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, उनके गृह मंत्री रमेश लेखक और 3 अन्य अधिकारियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए हैं। यह कदम इस माह की शुरुआत में Gen-Z प्रदर्शनों के हिंसक दमन की जांच के सिलसिले में उठाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि एक घायल प्रदर्शनकारी की सोमवार को काठमांडू के अस्पताल में मौत हो गई, जिससे प्रदर्शनों में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 76 हो गई है।
गृह मंत्रालय ने की कार्रवाई
पूर्व न्यायाधीश सुशीला कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री बनने के कुछ दिन बाद ही 21 सितंबर को मंत्रिमंडल ने न्यायिक जांच आयोग गठित किया था। आयोग ने रविवार को ओली समेत 4 लोगों के पासपोर्ट जब्त करने की सिफारिश की, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की। तत्कालीन गृह सचिव गोकर्ण मणि दुबाड़ी, राष्ट्रीय जांच विभाग प्रमुख हुतराज थापा और काठमांडू के तत्कालीन मुख्य जिला अधिकारी छवि रिजाल के पासपोर्ट जब्त किए गए हैं।
दशहरे के बाद दर्ज किए जाएंगे बयान
आयोग की अध्यक्ष गौरी बहादुर कार्की ने कहा कि यह कदम हिंसा की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, दशहरे के बाद शीर्ष अधिकारियों से बयान दर्ज कराए जाएंगे। इस बीच, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) ने पासपोर्ट जब्ती को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’बताते हुए इस फैसले का विरोध किया।
नेपाल में हुए थे हिंसक विरोध प्रदर्शन
बता दें कि, 8 और 9 सितंबर को युवाओं ने नेपाली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था जो बाद में हिंसक हो गया था। युवा प्रदर्शनकारियों ने राजधानी काठमांडू में संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास जैसे भवनों में आग लगा दी थी पुलिस की गोलीबारी में पहले ही दिन 19 युवाओं की मौत हो गई थी और कुल मृतकों की संख्या 76 तक पहुंच गई है। इसके बाद भड़के प्रदर्शकारियों ने तत्कालीन नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए आंदोलन किया जिसकी वजह से ओली सरकार का तख्तापलट हो गया था। (भाषा)
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