
लेह हिंसा मामले में बोले गवर्नर कविंद्र गुप्ता
लेह हिंसा मामले में लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा, “पिछले चार दिनों से, सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक, लोग आते-जाते रहे हैं। वाहन सामान्य रूप से चल रहे हैं। आज भी, व्यावसायिक वाहनों को अनुमति है। आठवीं कक्षा तक के सभी शैक्षणिक केंद्र खुल गए हैं। इसलिए, एक-दो दिन बाद, सब कुछ पूरी तरह से सामान्य हो जाएगा। 24 तारीख की घटना वाकई दर्दनाक और दुखद थी, और ऐसा नहीं होना चाहिए था। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ऐसा दोबारा न हो।” सोनम वांगचुक के बारे में, वे कहते हैं, “कार्रवाई सबूतों के आधार पर की गई है। अदालत या कहीं और जाना उनका अधिकार है। यह मौलिक अधिकारों के अंतर्गत आता है, इसलिए यह ठीक है। लेकिन कार्रवाई सबूतों के आधार पर ही की जाएगी…”
जो दोषी पाए जाएंगे, उन पर अंततः कार्रवाई होगी
“कई लोगों को रिहा कर दिया गया है। ज़मानत मिल गई है, और जो दोषी पाए जाएंगे, उन पर अंततः कार्रवाई होगी। हमने मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी है। क्योंकि यह एक संवेदनशील क्षेत्र है, एक सीमावर्ती राज्य है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों… बातचीत एक माध्यम है, और बातचीत से ही चीज़ें सामने आ सकती हैं। हमने पहले भी यह कहा है, और केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय ने उन्हें (सर्वोच्च निकाय को) 22 तारीख को आमंत्रित किया है… उन्हें 6 तारीख तक आमंत्रित किया गया है। निर्णय तभी लिए जाते हैं जब हम साथ बैठते हैं…”
बता दें कि लेह की एक अदालत ने 24 सितंबर को हुई हिंसा मामले में गिरफ्तार किए गए 26 लोगों को अंतरिम जमानत दे दी है। इस हिंसा में लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोलीबारी में चार नागरिकों की मौत हो गई थी।